ARO/RO Exam 2023 अखिलेश ने कहा है कि भाजपा सरकार को चुनावी गणित समझ आते ही जब अपनी हार सामने दिखाई दी तो वो पीछे तो हटी पर उसका घमंड बीच में आ गया है इसीलिए वो आधी माँग ही मान रही है। अभ्यर्थियों की जीत होगी। ये आज के समझदार युवा है सरकार इन्हें झुनझुना नहीं पकड़ा सकती।जागरण ऑनलाइन टीम, लखनऊ। छात्रों के आंदोलन के बाद सरकार ने बात मानते हुए छात्रों को भरोसा दिलाया है कि एक दिन में ही परीक्षा कराई जाएगी। इसको लेकर आयोग जल्द अधिसूचना भी जारी करेगा। वहीं इस मामले में अब अखिलेश यादव ने भी सरकार पर तंज कसा है। अखिलेश बोले- जब भाजपा जाएगी तब नौकरी आएगी भाजपा सरकार को चुनावी गणित समझ आते ही जब अपनी हार सामने दिखाई दी तो वो पीछे तो हटी पर उसका घमंड बीच में आ गया है, इसीलिए वो आधी माँग ही मान रही है। अभ्यर्थियों की जीत होगी। ये आज के समझदार युवा है, सरकार इन्हें झुनझुना नहीं पकड़ा सकती। जब एक परीक्षा हो सकती है तो दूसरी क्यों… — Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 14, 2024 छात्रों के आंदोलन के बाद सरकार ने बात मानते हुए छात्रों को भरोसा दिलाया है कि एक दिन में ही परीक्षा कराई जाएगी। इसको लेकर आयोग जल्द अधिसूचना भी जारी करेगा। वहीं इस मामले में अब अखिलेश यादव ने भी सरकार पर तंज कसा है।सरकार के फैसले से पहले अखिलेश ने बताया था गणित ( परीक्षा को लेकर आए फैसले से तकरीबन दो घंटे पहले अखिलेश ने ट्वीट करते हुए सरकार को घेरा था। अखिलेश ने कहा था कि भाजपा अगर केवल चुनाव का गणित समझती है तो सुन ले कि PCS/RO/ARO/LOWER SUBORDINATE जैसी अन्य प्रतियोगी छात्रों और उनके परिवार के लोगों को मिला लिया जाए तो ये संख्या लगभग 1 करोड़ होती है। अखिलेश ने कहा है कि भाजपा सरकार को चुनावी गणित समझ आते ही जब अपनी हार सामने दिखाई दी तो वो पीछे तो हटी पर उसका घमंड बीच में आ गया है, इसीलिए वो आधी माँग ही मान रही है। अभ्यर्थियों की जीत होगी। ये आज के समझदार युवा है, सरकार इन्हें झुनझुना नहीं पकड़ा सकती। अखिलेश ने आगे कहा कि जब एक परीक्षा हो सकती है तो दूसरी क्यों नहीं। अखिलेश यादव ने कहा कि चुनाव में हार ही भाजपा का असली इलाज है। उन्होंने कहा है कि जब भाजपा जाएगी तब ‘नौकरी’ आएगी।परीक्षा को लेकर आए फैसले से तकरीबन दो घंटे पहले अखिलेश ने ट्वीट करते हुए सरकार को घेरा था। अखिलेश ने कहा था कि भाजपा अगर केवल चुनाव का गणित समझती है तो सुन ले कि PCS/RO/ARO/LOWER SUBORDINATE जैसी अन्य प्रतियोगी छात्रों और उनके परिवार के लोगों को मिला लिया जाए तो ये संख्या लगभग 1 करोड़ होती है।
Source: Dainik Jagran November 14, 2024 18:25 UTC