हर जिले के 10 बड़े करदाताओं को एयरपोर्ट, टोल बूथ पर वीआईपी सुविधाएं देने की सिफारिश - Dainik Bhaskar - News Summed Up

हर जिले के 10 बड़े करदाताओं को एयरपोर्ट, टोल बूथ पर वीआईपी सुविधाएं देने की सिफारिश - Dainik Bhaskar


10 साल तक सबसे ज्यादा टैक्स भरने वालों के नाम से प्रमुख इमारतों, सड़कों, स्कूल के नाम रखे जाएंऐसा करने से करदाताओं की टैक्स भरने की प्रवृत्ति बढ़ सकती है क्योंकि यह सम्मान से जुड़ी बात होगीDainik Bhaskar Jul 04, 2019, 08:40 PM ISTनई दिल्ली. आर्थिक सर्वेक्षण में सरकार को सुझाव दिया गया है कि हर जिले के 10 बड़े करदाताओं को वीआईपी जैसे विशेषाधिकार देने पर विचार किया जा सकता है। उन्हें इमिग्रेशन काउंटर पर अलग लाइन, एयरपोर्ट पर बोर्डिंग में प्राथमिकता और सड़क मार्ग पर फास्ट लेन जैसी सुविधाएं दी जा सकती हैं। 10 साल तक सबसे ज्यादा टैक्स चुकाने वालों के नाम से सकड़ों, इमारतों और स्कूलों का नामकरण किया जा सकता है।सर्वे के मुताबिक- ऐसा करने से लोगों और समाज के बीच यह प्रवृत्ति बढ़ेगी कि ईमानदारी से कर का भुगतान भी एक सम्मान है। इसका उद्देश्य सोशल स्टेटस तक सीमित नहीं है बल्कि इसमें सम्मान भी शामिल है। निर्माणाधीन प्रोजेक्ट पर लगने वाले साइनबोर्ड पर भी ऐसे संदेश लिखे जा सकते हैं।टैक्स न चुकाने का बहाना मिलता हैज्यादा कर चुकाने वालों के नाम एसएमएस और बिलबोर्ड्स के जरिए हाइलाइट किए जा सकते हैं। करदाताओं में धारणा है कि कर्मचारी वर्ग को टैक्स देने के लिए बाध्य किया जाता है जबकि सेल्फ एम्प्लॉयड लोग टैक्स चुकाने से बच जाते हैं। ऐसी सोच से उन्हें टैक्स न चुकाने का बड़ा बहाना मिल जाता है।करदाताओं के बीच में दो तरह के विचार होते हैंटैक्स के मामले में करदाताओं के बीच में दो तरह के विचार होते हैं। एक वर्टिकल फेयरनेस और दूसरा हॉरिजॉन्टल फेयरनेस। वर्टिकल फेयरनेस से आशय है कि- मैं जो भी कर चुकाता हूं, उसके बदले में सरकार से कुछ सुविधाएं प्राप्त होती हैं। होरिजॉन्टल फेयरनेस से आशय है कि- समाज के कई हिस्सों द्वारा चुकाए जाने वाले टैक्स में बहुत अंतर है।


Source: Dainik Bhaskar July 04, 2019 14:37 UTC



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