स्वास्थ्य मंत्री ने कहा- रामदेव की कोराना की दवा यहां बिकती दिखाई दी तो बाबा जेल में होगा - Dainik Bhaskar - News Summed Up

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा- रामदेव की कोराना की दवा यहां बिकती दिखाई दी तो बाबा जेल में होगा - Dainik Bhaskar


राजस्थान के चिकित्सा और स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा- ऐसे प्रयोग अपराध की श्रेणी में आते हैं। दवा बनाने को लेकर बाबा की ओर से मुझसे किसी तरह की स्वीकृति नहीं ली गई है।राजस्थान के चिकित्सा और स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा- ऐसे प्रयोग अपराध की श्रेणी में आते हैं। दवा बनाने को लेकर बाबा की ओर से मुझसे किसी तरह की स्वीकृति नहीं ली गई है।मंत्री शर्मा ने कहा- हमारे लोग रुटीन में 7 दिन में ठीक हो रहे, ये कहना कि दवा से लोग 7 दिन में ठीक हो जाएंगे, ये सिर्फ मार्केटिंग हैउन्होंने कहा- महामारी से लड़ने का काम हम भारत सरकार के साथ मिलकर कर रहे हैं, ऐसे में इस तरह के प्रयोग अपराध की श्रेणी में आते हैंदैनिक भास्कर Jun 24, 2020, 08:13 PM ISTजयपुर. राजस्थान के चिकित्सा और स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने बुधवार को बाबा रामदेव के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने कहा कि महामारी से लड़ने का काम हम भारत सरकार के साथ मिलकर कर रहे हैं। पूरा देश इस महामारी से लड़ रहा है।ऐसे में इस तरह के प्रयोग अपराध की श्रेणी में आते हैं। इन लोगों को अपराध के दायरे में शामिल करते हुए, इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। शर्मा ने कहा कि अगर राजस्थान में कहीं यह दवाई बिकती नजर आई तो उसी दिन बाबा रामदेव जेल में होगा।मंत्री शर्मा ने कहा- दवा के मामले में मुझसे कोई स्वीकृति नहीं ली गईबाबा रामदेव द्वारा कोरोना की दवा बनाने के मामले पर मंत्री शर्मा ने कहा कि मुझसे से कोई स्वीकृति नहीं ली गई। अभी आयुष मंत्रालय ने 21 अप्रैल 2020 को गजट नोटिफिकेशन के जरिए एक अधिसूचना जारी की है। ड्रग और कॉस्मेटिक एक्ट के तहत उन्होंने 9 पॉइंट दिए हैं।कोई भी अगर क्लीनिकल ट्रायल करना चाहता है तो उसे एडवाजरी कमेटी के मुताबिक या आईसीएमआर की गाइडलाइन को फॉलो करते हुए करना चाहिए। इसमें कई पॉइंट्स जारी किए गए हैं। मुझे नहीं लगता कि किसी स्वीकृति के बाद ये क्लीनिकल ट्रायल हुआ है। न भारत सरकार और न ही राज्य सरकार। जो पूरी तरह से गैरकानूनी है। ये कोई मार्केटिंग करने का टाइम नहीं है।शर्मा ने पूछा- कोई मर गया तो कौन जिम्मेदार होगा? मंत्री शर्मा ने कहा, ‘‘जिस महामारी से दुनियाभर में लोग प्रभावित हैं। इलाज नहीं ढूंढ पा रहे हैं। डब्ल्यूएचओ के पास भी वैक्सीन नहीं है। आईसीएमआर के पास कोई दवा नहीं है। ऐसे में बिना सरकार की परमिशन और बिना प्रोटोकॉल को फॉलो किए कोई भी क्लीनिकल ट्रायल करता है।फिर उस दवा को जारी कर रहे हो, ये अपराध है। भारत सरकार को इन अपराधियों को इसकी सजा देनी चाहिए। मजाक बना दिया है। कल अगर कोई मर गया, कौन जिम्मेदार होगा। जहां तक निम्स (जयपुर) का सवाल है, हमने इंस्टीट्यूश्नल क्वारैंटाइन के लिए कुछ दिन लोगों को रखा था। जिनका पता नहीं था कि वो पॉजिटिव हैं या नहीं, उनका क्लीनिकल ट्रायल कहां से हो गया।वहां व्यवस्थाएं ठीक नहीं थी, इसलिए दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया। हमारे लोग रुटीन में 7 दिन में ठीक हो जाते हैं। ये कहना किदवा से लोग 7 दिन में ठीक हो जाएंगे, ये सिर्फ मार्केटिंग का काम है। इस तरह के प्रयोगअपराध की श्रेणी में आते हैं।’’राजस्थान के मरीजों पर दवा का ट्रायल करने का दावामंगलवार को बाबा रामदेव ने कोरोनिल नाम से आयुर्वेद टैबलेट लॉन्च की थी। हालांकि, साढ़े 5 घंटे बाद ही केंद्र सरकार ने इसके प्रचार पर रोक लगा दी। सरकार ने कहा कि दवा की वैज्ञानिक जांच नहीं हुई है। आयुष मंत्रालय ने पतंजलि आयुर्वेद से दवा के लाइसेंस समेत पूरा ब्योरा मांगा है।इस दवा को पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (निम्स) यूनिवर्सिटी, जयपुर ने मिलकर तैयार किया है। सबसे अहम बात सामने आई कि महज ढाई माह के वक्त में इस दवा को तैयार कर लॉन्च किया गया।जयपुर में अप्रैल की शुरुआत में पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट की टीम पहुंची थी। इसके बाद निम्स में चेयरमैन डॉ. बीएस तोमर से मुलाकात कर मरीजों का हाल जाना गया। इस बीमारी पर रिसर्च शुरू हुआ। इसके बाद क्लीनिकल केस ट्रायल के लिए 280 मरीजों को चुना गया था।


Source: Dainik Bhaskar June 24, 2020 11:15 UTC



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