मेरठ ब्यूरो। आरटीई के तहत शहर के नामचीन स्कूल में एडमिशन को लेकर खूब धांधली चल रही है। हालत यह है कि फर्जी एड्रेस और आधार कार्ड के आधार पर पेेरेंट्स एडमिशन के लिए जुगत लगा रहे हैं। अब सवाल यह है कि फर्जीवाड़ा कैसे हो रहा है। ऐसे कई केस सामने आ रहे हैं कि एक ही आधार नंबर पर दो एडमिशन कराए गए। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने आरटीई के तहत हो रही धांधली को उठाया तो कई चौकाने वाले खुलासे सामने आए।गलत एड्रेस दे रहे पेरेंट्सआरटीई यानि शिक्षा के अधिकार के तहत आधार कार्ड में गोलमाल हो रहा है। नियम है कि आरटीई के तहत बच्चे को एक किमी के दायरे में आने वाले स्कूल में एडमिशन मिलेगा। ताकि बच्चे को कोई दिक्कत न हो। लेकिन अब पेरेंट्स नामचीन स्कूलों में एडमिशन के लिए कई दांवपेंच अपना रहे हैं। कई केस ऐसे हैं कि जिनमें पेरेंट्स का घर तो स्कूल से 10 किमी दूर है, लेकिन स्कूल में अपने एड्रेस को एक किमी क्षेत्र के अंतर्गत बताया है। जांच में अब ऐसे केसों का खुलासा हो रहा है।सोशल मीडिया पर उठे सवालआरटीई के तहत एडमिशन में धांधली का मामला अब सोशल मीडिया के जरिए शासन तक पहुंचा है। ट्विटर के जरिए शहर के लोगों ने सीएम योगी आदित्यनाथ पर शिकायत पहुंचाई है। इसके साथ ही जनसुनवाई पोर्टल पर भी कंप्लेन की है।ट्विटर से उठाई प्रॉब्लमदैनिक जागरण आई नेक्स्ट की खबर के हवाले से शहरवासियों ने ट्विटर पर अभियान छेड़ रखा है। बीजेपी छावनी मंडल के महामंत्री नितिन बालाजी और वार्ड 6 के अध्यक्ष सतीश ने इस मुद्दे को उठाया है। उन्होनें ट्वीटर पर इस मामले की खबर को सीएम योगी और डीएम मेरठ को टैग किया है। साथ ही दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।छात्रनेता भी हुए एक्टिवदैनिक जागरण आई नेक्स्ट की खबर पर स्टूडेंट लीडर भी एक्टिव हो गए हैं। छात्र नेता अंकित अधाना और अमित ने सीएम योगी पर जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत की है।------------------केस 1- घर की गलत दूरी बताईकैंट स्थित एक स्कूल में एक पेरेंट्स ने स्कूल से एक किलोमीटर के पते को दिखाकर एडमिशन अप्लाई किया। जांच में सामने आया कि उस पते पर कोई और रहता है। पेरेंट्स का असली घर तो दस किलोमीटर दूर है।केस 2- एड्रेस पर नहीं मिले पेरेंट्सशास्त्रीनगर स्थित एक स्कूल में एक पेरेंट्स ने एक किलोमीटर की दूरी का पता दिया। वहां जांच करने पर सामने आया कि उस पते पर जो रहता है उनको भी हैरानी है कि आखिर किसने उनके पते को अपना पता बता दिया।फॉर्म में गलत एड्रेस भरने के कई केस आ रहे हैं। ऐसे मामलों में हम अपने स्तर पर रिपोर्ट तैयार कर रहे है। इस रिपोर्ट को बीएसए को दी जाएगी।अनीता त्रिपाठी, प्रिंसिपल, सिटी वोकेशनल पब्लिक स्कूलइस मामले में जल्द ही डीएम से मिलने की तैयारी है। हम अपने स्तर पर रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं जो प्रशासन के संज्ञान में लाने की तैयारी है।डॉ कर्मेंद्र सिंह, अध्यक्ष, मेरठ सहोदयकाफी केस ऐसे आ रहे हैं, अधिकतर केस में ऐसा आ रहा है कि पेरेंट्स फर्जी कागजात लगाकर अप्लाई कर रहे हैं, लेकिन हम अपनी तरफ से भी जांच करते हैं। जांच में फर्जीवाड़ा मिलने पर एडमिशन नहीं लेते हैं। उनकी रिपोर्ट बनाकर बीएसए को देते है। इसपर कार्रवाई होनी चाहिए।रचना शर्मा, प्रिंसिपल, एमपीएसहम इस मामले को लेकर जल्द ही बीएसए से मिलेंगे। इस तरह के केस बहुत आ रहे हैं। इनको स्कूल्स एडमिशन नहीं दे रहे हैं, उनकी रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं जो बीएसए को सौंपी जाएगी।राहुल केसरवानी, प्रेसीडेंट, मेरठ सहोदय स्कूल्स कॉम्पलेक्स
Source: Dainik Jagran May 20, 2023 20:19 UTC