सूरत अग्निकांड की घटना की प्रारंभिक जांच में स्थानीय नगर परिषद के अधिकारियों और बिल्डरों की ओर से कई खामियों की बात सामने आ रही है. जांच में पाया गया है कि कोचिंग क्लास की संरचना भी आग जैसी घटनाओं के लिहाज से संवेदनशील थी. प्रारंभिक जांच में यह बात निकलकर आई है कि बिल्डर ने 'प्रभाव शुल्क' के भुगतान के साथ संरचना को मान्यता देने के लिए अर्जी दी तो यह बात छिपा ली कि उन्होंने तीन मंजिला कॉम्पलेक्स में चौथी मंजिल का निर्माण भी किया है. एक शीर्ष प्रशासनिक अधिकारी के मुताबिक संबंधित अधिकारी ने बिल्डर के प्रस्ताव को मंजूरी देते वक्त खुद बिल्डिंग का दौरा नहीं किया था. शुरुआती जांच में यह भी खुलासा हुआ कि उच्च ज्वलनशील सामग्री के इस्तेमाल और कोचिंग की कक्षाओं में कुर्सी के रूप में टायरों के इस्तेमाल की वजह से आग तेजी से फैली.
Source: NDTV May 28, 2019 00:22 UTC