{"_id":"61e31418fb926854282d7bf7","slug":"a-train-of-faith-on-the-banks-of-sursari-bhaskar-became-uttarayan-varanasi-news-vns633770941","type":"story","status":"publish","title_hn":"सुरसरि के तट पर आस्था का रेला, उत्तरायण हुए भास्कर","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}सुरसरि के तट पर आस्था का रेला, उत्तरायण हुए भास्करवाराणसी ब्यूरोUpdated Sun, 16 Jan 2022 12:06 AM IST Updated Sun, 16 Jan 2022 12:06 AM ISTविज्ञापनख़बर सुनेंख़बर सुनेंमकर संक्रांति के पुण्यकाल में सुरसरि के तट पर आस्था का रेला उमड़ पड़ा। भगवान भास्कर के उत्तरायण होते ही श्रद्धालुओं ने गंगा में पुण्य की डुबकी लगाई। ठंड और कोरोना संक्रमण पर श्रद्धालुओं की आस्था भारी नजर आई। हल्के कोहरे की चादर में लिपटे भगवान भास्कर के उदीयमान होते ही श्रद्धालुओं ने हर-हर महादेव, हर-हर गंगे के जयघोष के साथ पुण्य की डुबकी लगाई।शनिवार को काशी के अर्द्धचंद्राकार घाटों पर मकर संक्रांति के पुण्य स्नान के लिए आस्थावानों का रेला उमड़ा। गंगा तट और गंगा पार रेती पर दोनों तरफ श्रद्धालुओं की भीड़ ही नजर आ रही थी। गिरजाघर से लेकर दशाश्वमेध घाट सहित गंगा के प्रमुख घाटों पर जाने वाली सड़क और गलियों पर भोर में जाम जैसी स्थिति नजर आई। घाटों पर स्नान केदौरान न तो सामाजिक दूरी नजर आई और न ही कहीं कोरोना का भय दिखा। ठंड के बाद भी गंगा स्नान के लिए भोर में चार बजे से ही लोगों का रेला गंगा घाटों की ओर पहुंचने लगा। सुबह सात बजे तक दशाश्वमेध से गोदौलिया पर भीड़ बढ़ गई थी। दशाश्वमेध घाट के साथ ही शीतला घाट, पंचगंगा घाट, अस्सी घाट से लेकर गंगा गोमती संगम कैथी में भी आस्था का रेला सुबह से ही नजर आया।स्नान के बाद निभाई दान की परंपरागंगा घाट पर श्रद्धालुओं ने स्नान के बाद खिचड़ी दान की परंपरा का निर्वहन भी किया। घाटों पर दान लेने वालों की भी भारी भीड़ लगी रही। दान करने के बाद श्रद्धालुओं ने मंदिरों में मत्था टेका।बांटे कंबल व खाद्य पदार्थकाशी विश्वनाथ दल की ओर से भैंसासुर घाट पर स्थित रविदास मंदिर में माल्यार्पण के बाद मां गंगा का अभिषेक किया। इस दौरान संस्था की ओर से कंबल, मास्क व खाद्य पदार्थों का वितरण किया गया। राष्ट्रीय अध्यक्ष जंत्रलेश्वर यादव के नेतृत्व में संपूर्ण कार्यक्रम संपन्न हुआ।
Source: Dainik Bhaskar January 15, 2022 18:38 UTC