जिले में कृषक गेहूं की बुवाई के लिए खेत की तैयारी से पूर्व खरीफ की फसलों की कटाई के अवशेषों जैसे धान के भूसा (पराली) एवं घास-फूस को नहीं जलाएं। इससे वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाया जा सके। अगर ऐसा करते हैं तो संबंधित को जुर्माना भरना पड़ सकता है।उप निदेशक कृषि (विस्तार) भरतपुर डॉ. धर्मपाल सिंह ने बताया है कि सर्वोच्च न्यायालय एवं एनजीटी न्यायालय के निर्देशानुसार राज्य सरकार की ओर से पराली एवं अन्य जैविक कचरे को जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण को रोकने के लिए व्यापक प्रतिबंध लगाया गया है। साथ ही प्रतिबंधों का उल्लंघन करने पर जुर्माना राशि वसूलने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि जिला कलक्टर ने पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के सख्त निर्देश दिए हैं। इसके लिए ग्राम पंचायत स्तर पर पटवारी, कृषि पर्यवेक्षक, ग्राम विकास अधिकारी की तीन सदस्यीय कमेटी निगरानी के लिए बनाई गई है जो अपने क्षेत्र में पराली जलाने की घटना को रोकने के लिए जिम्मेदार होगी एवं जलाने पर नियमानुसार कृषक को जोत के आधार पर जुर्माना जमा कराने के लिए संबंधित अधिकारियों को सूचित करेगी। उन्होंने बताया कि पराली जलाने पर जुर्माने का प्रावधान है। इसके तहत कृषक की जोत के आधार पर दो एकड़ से कम भूमि पर दो हजार 500 रुपए, दो से पांच एकड़ तक पांच हजार रुपए और पांच एकड़ से अधिक भूमि पर 15 हजार रुपए प्रति घटना जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि पराली जलाने से क्षेत्र के सूक्ष्म जीवाणु नष्ट हो जाते है तथा जैविक कार्बन का नुकसान होता है एवं पर्यावरण भी दूषित होता है। उप निदेशक कृषि डॉ. धर्मपाल सिंह बताया कि वर्तमान में जिले में 11 कृषि यंत्र किराया केन्द्र संचालित हैं। इसमें कुम्हेर, नदबई, कामां, वैर, बयाना व रूपवास पंचायत समिति में निजी क्षेत्र में संचालित है। इसमें रोटावेटर एवं रीपर आदि रियायती दर पर किराये पर उपलब्ध है। जो फसल अवशेषों को पूरी तरह से जमीन में मिला देता है।वायु प्रदूषण रोकने को करानी होगी वाहनों की जांचजिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता की अध्यक्षता में बुधवार को हुई बैठक में जिला कलक्टर गुप्ता ने आमजन से अपील की है कि जन यातायात सेवाओं को बढावा दें तथा एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने हेतु सार्वजनिक यातायात का अधिकतम उपयोग किया जाए। इससे ईंधन की खपत को कम किया जा सकें। उन्होंने केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण मण्डल की ओर से गठित उप समिति के ग्रेडेड एक्शन रेस्पोन्स प्लान की शत-प्रतिशत पालना किए जाने की नागरिकों से अपेक्षा है कि वे वायु प्रदूषण रोकने के लिए अपने वाहनों की जाचं कराए एवं प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण-पत्र अवश्य प्राप्त करें तथा अपने वाहनों यथा कार, मोटरसाईकल, स्कूटर एवं भार वाहनों की समय-समय पर जांच कराने के पश्चात् ही उसे उपयोग में लें तथा इन वाहनों के पहियों में उचित हवा का दबाव बनाए रखें।
Source: Dainik Bhaskar November 13, 2021 08:00 UTC