राउरकेला, बिजनेस डेस्क। वैश्विक स्तर पर चुनौतियों का सामना कर रहे इस्पात उद्योग में सेल की प्रासंगिकता को न केवल बरकरार रखा जाएगा, बल्कि इसके ढांचे व तंत्र में सकारात्मक बदलाव किए जाएंगे। जो नीतिगत बदलाव किए जा रहे हैं, उनके नतीजे भी जल्द दिखने लगेंगे। केंद्रीय पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस तथा इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने यह बात कही है। उन्होंने कहा कि सेल की मौजूदा 14 करोड़ टन उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर 30 करोड़ टन सालाना पर पहुंचाने की भी योजना है।केंद्रीय पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस तथा इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सेल के आर्थिक विकास के लिए कई नीतिगत फैसले लिए जा रहे हैं। सेल के खदानों से निकलने वाले खनिज के इस्तेमाल को लेकर जो बंदिशें थीं, उसे हटाने का प्रयास चल रहा है। इससे सेल अपने खदान के खनिज का इस्तेमाल करने के बाद एक तय मात्र में इसे आसपास के लघु व मध्यम इकाइयों को उपलब्ध भी करा सकेगा। इससे आय बढ़ने की उम्मीद है।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सेल की जमीन पर अवैध कब्जा है, जबकि सेल को अपनी क्षमता में विस्तार के लिए जमीन की जरूरत है। इन दोनों बातों के मद्देनजर एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है कि बस्तियों में रहने वाले लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना से जोड़ा जाए।Posted By: Pawan Jayaswalअब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप
Source: Dainik Jagran September 30, 2019 03:11 UTC