सांसदों से सीधे मिलने की PM मोदी की अनूठी पहल, सभी मुद्दों पर खुलकर करना चाहते हैं बातचीतनई दिल्ली, एएनआइ। चुनाव में एतिहासिक जीत के साथ दोबारा सत्ता में आई मोदी सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती संसद को सुचारू रूप से चलाने की है। लोकसभा में तो सरकार के पास बहुमत है, लेकिन राज्यसभा में उसके पास बहुमत नही है। ऐसे में पीएम मोदी विपक्षी दलों को अपने साथ लेकर चलना चाहते हैं। यही वजह है कि 20 जून को पीएम मोदी ने लोकसभा और राज्यसभा से सभी सांसदों की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। इस दौरान प्रधानमंत्री सांसदों के साथ सभी मुद्दों पर खुलकर बातचीत करना चाहते हैं। पीएम मोदी की यह पहल एक नई शुरुआत बन सकती है। सरकार द्वारा विवादास्पद मुद्दों पर आमराय बनाने की दिशा में एक पहल के रूप में भी देखा जा सकता है।अहम बिलों को पास कराने पर फोकसरविवार को हुई सर्वदलीय बैठक में सरकार ने साफ-साफ संकेत दे दिए है कि पहले सत्र में उसका पूरा फोकस संसद में लंबित अहम बिलों को पास कराने पर रहेगा। सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के दोनों सदनों को सुचारू रूप से चलाने के लिए विपक्ष से सहयोग मांगा है। प्रधानमंत्री ने 2022 तक नए भारत के निर्माण के लिए सभी दलों से मिलकर काम करने की अपील भी की है। उन्होंने कहा कि मैं आशा करता हूं कि विपक्ष के लोग नंबर की चिंता छोड़कर निष्पक्ष भाव से जनकल्याण को प्राथमिकता देते हुए इस सदन की गरिमा को ऊपर उठाने की कोशिश करेंगे।राज्यसभा में उसके सिर्फ 102 सदस्य17वीं लोकसभा का पहला सत्र सोमवार (17 जून) से शुरू हो गया है, जो 26 जुलाई तक चलेगा। 40 दिन तक चलने वाले इस सत्र में लोकसभा की 30 और राज्यसभा की 27 बैठके होंगी। इस दौरान सरकार के सामने महत्वपूर्ण अध्यादेशों को पारित कराने की चुनौती होगी। 545 सीटों वाली लोकसभा में एनडीए के पास 353 सदस्य हैं, लेकिन 245 सीटों वाली राज्यसभा में उसके सिर्फ 102 सदस्य हैं। ऐसे में विपक्ष को साथ लेकर चलना ही सरकार से लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है। क्योंकि संसद को दोनों सदनों राज्यसाभा और लोकसभा में हर छोटी बाद पर हंगामा होता है, जिसकी वजह से जनहीत के अहम बिल पास नहीं हो पाते।4 जुलाई को आर्थिक सर्वेक्षण और 5 को बजट पेशइस सत्र में सरकार का मकसद तीन तलाक समेत 10 महत्वपूर्ण अध्यादेशों को पारित कराकर कानून में तब्दील करने की होगी। बता दें कि तीन तलाक बिल पिछली बार राज्यसभा में अटक गया था। 19 जून को लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। 20 जून को राष्ट्रपति संसद के दोनों सदनों को संबोधित करेंगे। 4 जुलाई को आर्थिक सर्वेक्षण और 5 जुलाई को केंद्रीय बजट भी पेश होना है। वित्त मंत्री निर्मला सितारमण संसद में बजट पेश करेंगी। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बाद निर्मला सितारमण बजट पेश करने वाली पहली महिला वित्त मंत्री होंगी।इन महत्वपूर्ण बिलों पर रहेगी नजर- ट्रिपल तलाक बिल- महिला आरक्षण बिल- सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल- केंद्रीय शैक्षणिक संस्थान बिलकांग्रेस को खलेगी मल्लिकार्जुन खड़गे की कमीइस चुनाव में भी कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक ही रहा। कांग्रेस की पिछले चुनाव में 44 सीटें थीं। हालांकि इस बार उसकी सीटें बढ़कर 52 हो गई हैं। कांग्रेस एक बार फिर नेता विपक्ष के दर्जे से दूर है। बता दें कि लोकसभा में नेता विपक्ष के दर्जे के लिए 55 सांसदों की जरूरत होती है। विपक्ष के सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस ने अभी तक सदन में अपने नेता के नाम का एलान नहीं किया है। पिछली लोकसभा के दौरान सदन में कांग्रेस के नेता रहे मल्लिकार्जुन खड़गे इस बार चुनाव हार गए। ऐसे में कांग्रेस को मल्लिकार्जुन खड़गे की कमी काफी खलेगी। सूत्रों के मुताबिक पार्टी नेता शशि थरूर ने लोकसभा में कांग्रेस के नेता की पेशकश की है।लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एपPosted By: Manish Pandey
Source: Dainik Jagran June 17, 2019 08:54 UTC