सहारा प्रमुख सुब्रत राय को SC ने भेजा समन, सेबी के खाते में जमा कराने पड़ेंगे 9,000 करोड़नई दिल्ली, एएनआइ। सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह को बड़ी राहत देते हुए सेबी के खाते में 9,000 करोड़ रुपये की बाकी रकम जमा करने की मोहलत दे दी। मामले की सुनवाई करते हुए गुरुवार को कोर्ट ने कहा कि अगर ये रकम सेबी के खाते में जमा नहीं की गई तो कानून अपना रास्ता खुद चुनने पर बाध्य होगा। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 28 फरवरी को तय की है। कोर्ट ने इस दिन सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय को व्यक्तिगत तौर पर पेश होने को कहा है।मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अभी तक सहारा ने सिर्फ 15 हजार करोड़ रुपए ही जमा कराए हैं। कोर्ट ने सुब्रत राय को पिछला आदेश मानने को कहा है।क्या है पूरा मामला? दरअसल सहारा ग्रुप और मार्केट रेगुलेटर सेबी के बीच निवेशकों के 24000 करोड़ रुपये जालसाजी का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। कोर्ट ने मई 2016 में सुब्रत राय सहारा को पैरोल पर रिहा किया था। निवेशकों के पैसे नहीं देने के मामले में सुब्रत राय को 28 फरवरी 2014 को गिरफ्तार किया गया था।सेबी ने सहारा की एक अन्य कंपनी की फंड उगाही पकड़ीपिछले साल नवंबर में सेबी ने सहारा की एक अन्य कंपनी की फंड उगाही पकड़ी थी। पूंजी बाजार नियामक सेबी ने पाया कि समूह की एक अन्य कंपनी ने कानून का उल्लंघन करते हुए 14,000 करोड़ रुपये से अधिक की फंड उगाही की है। नियामक ने कंपनी और उसके तत्कालीन निदेशकों (जिनमें सुब्रत राय भी शामिल हैं) को 15 फीसद सालाना ब्याज के साथ निवेशकों को उनका पैसा लौटाने का आदेश दिया है। इसके साथ ही सहारा इंडिया कॉमर्शियल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एसआइसीसीएल), उसके तत्कालीन निदेशकों और संबद्ध कंपनियों को बाजार में पहुंचने और किसी भी पब्लिक कंपनी से नाता जोड़ने से प्रतिबंधित कर दिया गया है। इस मामले में सहारा की कंपनी ने 1998 और 2009 के बीच खास बांड जारी कर करीब दो करोड़ निवेशकों से फंड उगाही की थी।Posted By: Mangal Yadav
Source: Dainik Jagran January 31, 2019 11:47 UTC