सप्ताह का ज्ञानब्रह्मवैवर्तपुराण कहता हैं कि किसी भी परिस्थिति में पिता, माता, पुत्र, पुत्री, पतिव्रता पत्नी, श्रेष्ठ पति, गुरु, अनाथ स्त्री, बहन, भाई, देवी-देवता और ज्ञानी लोगों का अनादर करने पर यदि व्यक्ति धनकुबेर भी हो, तो उसका खजाना खाली हो जाता है।टिप ऑफ द वीकमीठी दही के साथ शमी के काष्ठ का अपराजिता मंत्रों से पूजन करके महत्वपूर्ण काल में उस सिद्ध काष्ठ की मौजूदगी सफलता, उन्नति और आनंद का सबब बनती है, ऐसा मैं नहीं, मान्यताएं कहती हैं।जन्मतिथि में छिपा भविष्य (जन्म तारीख 24)किसी भी माह की 24 तारीख को जन्मे लोगों पर चंद्रमा, राहु और शुक्र का पूर्ण प्रभाव होता है। इस तिथि का स्वामी ग्रह शुक्र है, जो ऐश्वर्य, आनंद और संबंधों का मालिक है। इस तारीख को जन्मे लोग जीवन में अपार समृद्धि व धन हासिल करते हैं। जरा से प्रयास और दृढ़ संकल्प से कामयाबी इनका चरण चुंबन करती है। ये लोग स्वस्थ, मस्त और दीर्घायु होते हैं। इनकी सफलता में बड़ी ठसक होती है। अभिनय, सिनेमा, संगीत, नृत्य, थिएटर, कला, साहित्य और स्पोर्ट्स इत्यादि में ये बेहद कामयाब होते हैं। ये लोग जीवन में जमीं से फलक तक का सफर तय करते हैं। इनमें विपरीत लिंगियों को आकर्षित करने की विशिष्ट क्षमता होती है। इन्हें समाज में बड़ी प्रतिष्ठा प्राप्त होती है। इन्हें अकसर भावनात्मक समस्या का सामना करना पड़ता है।साप्ताहिक राशिफल: सूर्य के परिवर्तन से इन लोगों को मिलने जा रहा है उपहारप्रश्न: उच्च शिक्षित, अच्छे पद पर कार्यरत बेटे के विवाह के लिए योग्य प्रस्ताव नहीं आ रहे हैं। क्या करूं? जन्म तिथि- 03.05.1994, जन्म तिथि- 23.10, जन्म स्थान- होशंगाबाद (मप्र)।-विष्णु सागरउत्तर: सद्गुरुश्री कहते हैं कि आपके सुपुत्र की राशि कुंभ और लग्न धनु है। पंचमेश और व्ययेश मंगल सुख भाव में बैठकर उसे मांगलिक बना रहे हैं। सामान्य ज्योतिषीय मान्यताएं मांगलिक व्यक्ति के विलंब से विवाह का संकेत देती हैं। इस समय आपके पुत्र बृहस्पति की महादशा में बुध की अंतर्दशा के अधीन हैं। जो विवाह के लिए मध्यम काल है, जिसमें विवाह होते हैं। विधाता का संकेत है कि 19 मई, 2022 से आरंभ होने वाला काल अवश्य परिवार के लिए सकारात्मक समाचार सुनाएगा। वर्जिश, बरगद की जड़ों को मीठे दूध का अर्पण और लाल मिर्च के त्याग से लाभ होगा।प्रश्न: पिताजी की मृत्यु कई साल पहले हो गई। मुझे लगता है कि मेरी मां किसी के करीब आ गई हैं। मैं बहुत परेशान हूं। कोई उपाय बताइए, जिससे उनका संबंध अगर हो, तो वह समाप्त हो जाए। मां की जन्म तिथि- 05.11.1978, जन्म समय-17.10, स्थान-दिल्ली।-रोशनी बेरीउत्तर: सद्गुरुश्री कहते हैं कि आपकी माताश्री की राशि धनु और लग्न मेष है। भाग्येश और लाभेश शनि की पंचम भाव में मौजूदगी आपकी मां के प्रेम पर कुठाराघात कर रही है, वहीं शुक्र की अपने ही घर सप्तम भाव में उपस्थिति उनके व्यक्तित्व को आकर्षक बना रही है। साथ ही सप्तम भाव में पंचमेश सूर्य ने उनके पति सुख में विघ्न डाला। उनकी कुंडली में मुझे वर्तमान में प्रत्यक्ष रूप से किसी संबंध के सूत्र नजर नहीं आ रहे हैं। मेरे विचार से 41 वर्ष की आयु की महिला को बड़ी कम उम्र में प्राप्त इस जख्म पर मरहम लगाने वाला कोई मिल जाए, तो यह हर्ष की बात है। मैं आपको अपने विचार बदलने का परामर्श देता हूं।प्रश्न: मेरा मन बहुत घबराता है। डर सा लगता रहता है। ऐसा क्यूं है? कोई उपाय बताइए। जन्मतिथि- 16.04.1989, जन्म समय-16.05, जन्म स्थान- पटना।- सुमति अवस्थीउत्तर: सद्गुरुश्री कहते हैं कि आपकी राशि सिंह और लग्न कन्या है। व्ययेश सूर्य की अष्टम भाव में शत्रु शुक्र के साथ बैठ आपके आत्मविश्वास में कमी कर अनेक समस्याओं को जन्म दे रही है, वहीं लाभेश चंद्रमा की अपने शत्रु केतु के साथ मौजूदगी आपको अति संवेदनशील बना रही है। द्वादश चंद्रमा जहां आपके चित्त को अस्थिर करके अनजाने भय से ग्रसित कर रहा है, वहीं आंतरिक शक्ति में कमी करके अस्वस्थ मनोदशा का कारक भी बन रहा है। चंद्रमा का परम शत्रु केतु वही उसके साथ बैठ मानसिक कष्ट में इजाफा कर रहा है। चंद्रमा पर राहु की सीधी दृष्टि आपके अंदर घबराहट पैदा कर रही है। सकारात्मक विचार और ध्यान के साथ चांदी के बर्तन का प्रयोग, नियमित रूप से दही और खीर का सेवन, रविवार को नामक के त्याग, नित्य प्रातः सूर्य को जल अर्पण, गायत्री मंत्र का मानसिक स्मरण आपकी सहायता करेगा, ऐसा मैं नहीं योग के साथ ज्योतिषीय मान्यताएं कहती हैं।चाणक्य नीतिः ये 4 बातें याद रख लीजिए, लोगों को पहचानने में धोखा नहीं खाएंगेप्रश्न: मेरे घर मका उत्तर-पूर्व हिस्सा कटा हुआ है। किसी ने कहा कि ये अशुभ है, इसके निवारण के लिए कुछ महंगे यंत्र स्थापित करने होंगे। आपकी क्या सलाह है? -निर्मिति केडियाउत्तर: सद्गुरुश्री कहते हैं कि वास्तु के नियमों के अनुसार उत्तर-पूर्व कोण (जिसे ईशान्य भी कहते हैं) का कटना ही नहीं, बल्कि किसी भी कोण का विच्छेद शुभ फलों में कुछ कमी करता है। इसके लिए बहुत चिंतित होने या भारी खर्च के चक्करों में फंसने की जरूरत नहीं। आप ईशान्य कोण पर बड़े दर्पण स्थापित कर दें। राहत मिल जाएगी।नोट: अगर, आप भी सद्गुरु स्वामी आनंद जी से अपने सवालों के जवाब जानना चाहते हैं या किसी समस्या का समाधान चाहते हैं तो अपनी जन्म तिथि, जन्म समय और जन्म स्थान के साथ अपना सवाल saddgurushri@gmail.com पर मेल कर सकते हैं।
Source: Navbharat Times November 17, 2019 03:11 UTC