नई दिल्ली, प्रेट्र। प्रधान न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ अमर्यादित आचरण के मामले में सरकार और अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल के बीच मतभेद की खबरों को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पूरी तरह गलत बताया है।सुप्रीम कोर्ट की बर्खास्त पूर्व महिला कर्मचारी द्वारा प्रधान न्यायाधीश पर लगाए गए आरोपों की जांच के लिए वेणुगोपाल ने शीर्ष अदालत के सभी जजों को पत्र लिखकर तीन सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की एक समिति गठित करने के लिए कहा था।हालांकि प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ आरोपों की जांच सुप्रीम कोर्ट के तीन वर्तमान न्यायाधीशों की समिति ने की और उन्हें क्लीनचिट दे दी। जेटली ने सरकार और वेणुगोपाल के बीच मतभेद की खबरों को खारिज करते हुए कहा कि वह बार के सबसे वरिष्ठ सदस्य हैं। कुछ मुद्दों पर उनके अपने विचार होते हैं। सरकार उनके निष्पक्ष मशविरे का सम्मान करती है।वेणुगोपाल ने भी माना है कि 22 अप्रैल को उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की आंतरिक समिति के गठन से पहले सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की एक समिति बनाने के लिए पत्र लिखा था। साथ ही उन्होंने कहा कि उन्होंने एक दूसरा पत्र भी लिखा था जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया था कि उन्होंने पहला पत्र 65 साल का अनुभव रखने वाले बार के वरिष्ठ सदस्य के तौर पर व्यक्तिगत स्तर पर लिखा था।लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एपPosted By: Dhyanendra Singh
Source: Dainik Jagran May 11, 2019 13:19 UTC