आगरा, जागरण संवाददाता । एक समय था जब टेलीविजन (टीवी) को बुद्धू बक्सा कहा जाता था। मगर, समय के साथ लोगों को इस बुद्धू बक्से की अहमियत समझ आने लगी। वर्ष 1987 में रामायण सीरियल के प्रसारण के कारण भारत में टीवी की लोकप्रियता बढ़ी। घर-घर में टीवी की एंट्री हुई। कभी बुद्धू बक्सा रहा टीवी अब लोगों को बुद्धिमान बना रहा है। स्मार्ट टीवी के नए फीचर्स और डिजाइन लोगों को आकर्षित कर रहे हैं। अब इंटरनेट के दौर में कार्यक्रम के अलावा टीवी पर और भी बहुत कुछ है, जो आप देख सकते हैं। टीवी पर एप्लीकेशनस्मार्ट टीवी पर कई एप्लीकेशन प्री-लोडेड आती हैं या बाद में एप स्टोर से लोड की जा सकती हैं। कुछ स्मार्ट टीवी से तो नेटफ्लिक्स, अमेजन पर लाइव और फिल्म स्ट्रीमिग होती हैं। इंटरनेट सर्फिंग भीकई स्मार्ट टीवी में तो बिल्टइन वेब ब्राउजर आते हैं। इन पर इंटरनेट सर्फ कर सकते हैं। बैठे-बैठे फोटो और वीडियो देख सकते हैं, उन्हें शेयर कर सकते हैं। एक ही ब्रांड के स्मार्ट फोन और स्मार्ट टीवी हैं तो शेयरिग और भी आसान हो जाती है। 20 हजार से चार लाख तक का टीवीप्लाज्मा फीचर की वजह से ग्राहक चार लाख रुपये तक का टीवी खरीदने को तैयार हैं। टीवी विक्रेता विनय मित्तल ने बताया कि हर कंपनियां अलग-अलग फीचर दे रही हैं। शहर में सबसे ज्यादा 20 से 50 हजार रुपये के टीवी की डिमांड है। जो टीवी के ज्यादा शौकीन हैं अब वह इससे महंगे टीवी खरीदने को तैयार हैं। इन टीवी की खासियत यह है कि इनमें 100 फीसद कलर, वन रिमोट कंट्रोल, ब्लू टूथ, स्मार्ट हब, 1500 एचडीआर, कवर्ड स्क्रीन आदि फीचर हैं। यह है टीवी का सफरपहली बार टीवी का प्रायोगिक तौर पर इस्तेमाल 1920 में शुरू हो गया था, लेकिन द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद यह लोकप्रिय हुआ। 26 जनवरी 1926 को स्काटलैंड के इंजीनियर जेएल बेयर्ड ने टीवी प्रसारण का प्रदर्शन किया था, इसलिए उन्हें ही टीवी का आविष्कारक माना जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा में 17 दिसंबर 1996 को विश्व टेलीविजन दिवस 21 नवंबर को मनाने का निर्णय लिया गया था। दुनिया में शांति और सुरक्षा के खतरों की तरफ लोगों का ध्यान आकर्षित करने और दूसरे महत्वपूर्ण आर्थिक, सामाजिक मामलों पर ध्यान केंद्रित करने में टीवी की अहम भूमिका है। भारत में 1959 में आया टीवीभारत में टीवी प्रसारण पहली बार 15 सितंबर 1959 को नई दिल्ली से शुरू हुआ। इसका प्रतिदिन प्रसारण आल इंडिया रेडियो की तहत 1965 से हुआ था। वर्ष 1976 में भारत में टीवी के प्रसारण को आल इंडिया रेडियो से अलग किया गया। देश में राष्ट्रीय प्रसारण की शुरुआत 1982 में हुई और उसी साल रंगीन टीवी प्रसारण की शुरुआत भी हुई। आगरा में भी तब कुछ घरों में रंगीन टीवी दिखने लगे थे। ये वो दौर था जब ब्लैक एंड व्हाइट टीवी पर धारावाहिक देखने लोग पड़ोस के घरों में जाते थे।डाउनलोड करें जागरण एप और न्यूज़ जगत की सभी खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस
Source: Dainik Jagran November 20, 2020 17:37 UTC