सबसे ज्यादा टोंक में तैयार हो रहे पौधे: वन विभाग पहली बार जिले की आधी आबादी को निशुल्क बांटेगा साढे ग्यारह लाख से अधिक औषधीय पौधे - News Summed Up

सबसे ज्यादा टोंक में तैयार हो रहे पौधे: वन विभाग पहली बार जिले की आधी आबादी को निशुल्क बांटेगा साढे ग्यारह लाख से अधिक औषधीय पौधे


Hindi NewsLocalRajasthanJaipurTonkFor The First Time, The Forest Department Will Distribute Half The Population Of The District Free Of Cost. सबसे ज्यादा टोंक में तैयार हो रहे पौधे: वन विभाग पहली बार जिले की आधी आबादी को निशुल्क बांटेगा साढे ग्यारह लाख से अधिक औषधीय पौधेटोंक 9 घंटे पहलेकॉपी लिंकनर्सरी तैयार औषधीय पौधेआयुर्वेदिक उपचार से भरपूर नानी, दादी के नुस्खों को अब वन विभाग मूर्त रूप देगा। इस दिशा में वन विभाग करीब 39 लाख रुपए की लागत से पहली बार 11 लाख 68 हजार औषधीय पौधे तैयार कर रहा है। इन्हें वन विभाग जुलाई माह से जिले की आधी आबादी करीब एक लाख 32 हजार परिवारों को घर-घर वितरण करेगा।इसके पीछे सरकार की मंशा पर्यावरण को शुद्ध बनाए रखना और दादी,नानी के नुस्खों में शामिल आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देना है। इन पौधों को वन विभाग जिले की सभी छह रेंजों में स्थित नर्सरियों में तैयार कर रहा है। डीएफओ एसके रेड्डी ने बताया किवर्तमान में अश्वगंधा, कालमेघ, तुलसी व गिलोय के पौधे तैयार किए जा रहे हैं। जिलेभर में 11 लाख 68 हजार 416 पौधे तैयार किए जा रहे हैं। करीब 50 प्रतिशत परिवारों को इस बार 8-8 औषधीय पौधों का वितरण किया जाएगा। जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद साबित होंगे।कलेक्टर के अध्यक्षता में गठित कमेटी करेगी मॉनिटरिंगइसके वितरण आदि के लिए भी टास्क फोर्स का गठन किया गया है। इसमें कलेक्टर की अध्यक्षता वाली कमेटी में 19 विभागों के अधिकारी है। हवा और स्वास्थ्य के हिसाब से ये काफी लाभदायक योजना है।सबसे ज्यादा टोंक में तैयार हो रहे है पौधेटोंक रेंज के जखीरा में 1 लाख 32 हजार, फूलबाग नर्सरी में 88 हजार, टोडारायसिंह नर्सरी में 44 हजार, मालपुरा रेंज के सदर मालपुरा नर्सरी में 66 हजार, टोरडी में 44 हजार, टोरडी घाटी में 66 हजार, निवाई रेंज के सदर नर्सरी संजयवन 1 लाख 32 हजार, सिरस में 30 हजार 800, बड़ागांव में 30 हजार 800, बीसलपुर रेंज के थडोला में 1 लाख 32 हजार, उनियारा के भोजपुरा में 52 हजार 800, सदर अलीगढ 97 हजार, देवली के नया गांव भरना में 1 लाख 20 हजार, सदर देवली चांदली 80 हजार, राजमहल में 53 हजार 16 पौधे तैयार किए जा रहे हैं।कोरोना में याद आई आयुर्वेद पद्धति,बुखार, पेटदर्द व दिल की बीमारी में भी कारगारतुलसी : तुलसी के बीज के और पत्तियों का चूर्ण भी प्रयोग किया जाता है। इन पत्तियों में कफ, वात दोष को कम करने, पाचन शक्ति एवं भूख बढ़ाने और रक्त को शुद्ध करने वाले गुण होते हैं। इसके अलावा तुलसी के पत्ते के फायदे बुखार, दिल से जुड़ी बीमारियां, पेट दर्द, मलेरिया और बैक्टीरियल संक्रमण आदि में बहुत फायदेमंद बताया जाता है।गिलोय : नुकसानदायक बैक्टीरिया से लेकर पेट के कीड़ों को गिलोय खत्म करता है। टीबी रोग का कारण बनने वाले वाले जीवाणु की वृद्धि को रोकती है। आंत और यूरीन सिस्टम के साथ-साथ पूरे शरीर को प्रभावित करने वाले रोगाणुओं को भी यह खत्म करता है। नीम पर चढी गिलोय काफी अच्छी मानी जाती है।


Source: Dainik Bhaskar June 04, 2021 09:56 UTC



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