3 /4 तब भोलेनाथ ने स्वयं ही दिया था राजा को यह अस्त्रमंदिर को लेकर जानकारी मिलती है कि इसका निर्माण राष्ट्रकुल के राजा कृष्ण प्रथम ने कराया था। कहा जाता है कि एक बार राजा गंभीर रूप से बीमार हो गए। तमाम इलाज के बाद भी वह स्वस्थ नहीं हो पा रहे थे तब रानी ने भोलेनाथ से प्रार्थना की कि वह राजा को स्वस्थ कर दें। उनके स्वस्थ होते ही वह मंदिर का निर्माण करवाएंगी और मंदिर का शिखर देखने तक व्रत रखेंगी। तब राजा स्वस्थ हो गए लेकिन रानी को बताया गया कि मंदिर का निर्माण और शिखर बनने में तो कई वर्ष लग जाएंगे। ऐसे में इतने वर्षों तक व्रत रख पाना संभव नहीं होगा। तब रानी ने भोलेनाथ से मदद मांगी। मान्यता है कि तब उन्हें भूमिअस्त्र मिला। जो कि पत्थर को भी भाप बना सकता था। इस अस्त्र का जिक्र ग्रंथों में भी मिलता है। मान्यता है कि उसी अस्त्र से इस मंदिर का निर्माण हुआ और मंदिर बनने के बाद उस अस्त्र को मंदिर के नीचे गुफा में रख दिया गया। दुनियाभर के विज्ञानी भी यही मानते हैं कि इतने कम समय में पारलौकिक शक्तियों द्वारा ही ऐसे मंदिर का निर्माण संभव है। अन्यथा आज के समय में भी ऐसा मंदिर इतने कम समय में और एक पत्थर को ऊपर से नीचे तराशकर बनाना संभव नहीं है।रहस्यमयी है यह कुआं इससे पानी नहीं रोशनी निकलती है, कहते हैं विशिंग वेल
Source: Navbharat Times September 14, 2020 07:18 UTC