नई दिल्ली, जेएनएन। आइपीएल 2019 के दौरान क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण पर हितों के टकराव संबंघी आरोप लगे थे। इस मामले में बीसीसीआइ लोकपाल ने इन खिलाड़ियों से जवाब मांगा था। सचिन, गांगुली और लक्ष्मण ने अपने जवाब लिखित में दिए थे। इसी केस में अब सचिन तेंदुलकर को बीसीसीआइ के नैतिक अधिकारी डीके जैन से क्लीन चिट मिल गई है।महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर पर लगे हितों के टकराव के आरोप अब बीसीसीआइ की ओर से खारिज हो गए हैं। सचिन तेंदुलकर के खिलाफ क्रिकेट सलाहकार समिति यानी सीएसी का सदस्य होने के साथ-साथ आइपीएल फ्रेंचाइजी(मुंबई इंडियंस) से जुड़े होने के कारण शिकायत दर्ज कराई थी। सचिन तेंदुलकर ने अपने जवाब में साफ कर दिया था कि वे मुंबई इंडियंस टीम के आइकोन हैं। वे बिना किसी फीस के टीम के साथ जुड़े हैं।इसी को लेकर बीसीसीआइ लोकपाल डीके जैन ने अपने दो पेज के फैसले में सचिन पर लगे आरोपों को निराधार करार दिया। इसी के साथ सचिन तेंदुलकर ने अपने सीएसी के सदस्य पद से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफो को लेकर सचिन तेंदुलकर के कानूनी सलाहकार ने कहा है कि कार्यक्षेत्र की शर्तें उपलब्ध नहीं कराने की दशा में उन्होंने क्रिकेट सलाहकार समिति (CAC) का हिस्सा बनने से इंकार कर दिया है।बीसीसीआइ लोकपाल ने फैसले के बारे में जानकारी देते हुए बताया, "सचिन तेंदुलकर के खिलाफ वर्तमान शिकायत को निराधार करार दिया जाता है। एक बार जब बीसीसीआइ कार्यक्षेत्र की शर्तों और इसके कार्यकाल को स्पष्ट करती है फिर वे (सचिन) इसका हिस्सा बनने के बारे में फैसला करेंगे।" अगर ऐसा नहीं हो पाता है तो फिर सचिन तेंदुलकर विश्व कप के बाद नए कोच की चयन प्रकिया में शामिल नहीं होंगे।आपकी जानकारी के लिए बता दें, टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और सीएसी के सदस्य रहे सौरव गांगुली जहां आइपीएल 2019 में दिल्ली कैपिटल्स के सलाहकार थे तो वहीं, वीवीएस लक्ष्मण सनराइजर्स हैदराबाद में यही पद संभाल रहे थे। लेकिन, सचिन तेंदुलकर मुंबई इंडियंस के आइकोन के रूप में टीम से बिना किसी शर्त के जुड़े थे। इन पूर्व दिग्गज खिलाड़ियों पर शिकायत बीसीसाआइ के नियमों के अंतर्गत आर्टिकल 39 के तहत दर्ज हुई थी।लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एपPosted By: Vikash Gaur
Source: Dainik Jagran May 28, 2019 07:28 UTC