सख्ती / आरबीआई ने पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक पर 6 महीने का प्रतिबंध लगाया, नए लोन और जमा नहीं ले पाएगा बैंक - News Summed Up

सख्ती / आरबीआई ने पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक पर 6 महीने का प्रतिबंध लगाया, नए लोन और जमा नहीं ले पाएगा बैंक


केंद्रीय बैंक ने वित्तीय स्थिति कमजोर होने के कारण की कार्रवाईआरबीआई की लिखित अनुमति के बिना नहीं होगा लेनदेनदैनिक भास्कर Jun 12, 2020, 11:11 AM ISTनई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक पर 6 महीने का प्रतिबंध लगा दिया है। बैंक पर यह प्रतिबंध वित्तीय स्थिति कमजोर होने के कारण लगाया गया है। इस प्रतिबंध के कारण अब बैंक अगले 6 महीने तक नए लोन और जमा नहीं ले पाएगा। पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक कानपुर में स्थित है और यस बैंक प्रमोटिड है। आरबीआई ने कहा है कि फिलहाल इस को-ऑपरेटिव बैंक के जमाकर्ता को निकासी की सुविधा नहीं मिलेगी।किसी भी प्रकार के लेनदेन के लिए लेनी होगी लिखित अनुमति: रिजर्व बैंकआरबीआई की ओर से गुरुवार को जारी बयान में कहा गया कि 10 जून, 2020 को कारोबार बंद होने के बाद पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक को कोई भी नया लोन या पुराने बकाए को नवीकृत करने, किसी भी प्रकार का निवेश करने और नया जमा स्वीकार करने के लिए रिजर्व बैंक से लिखित अनुमति लेनी होगी। आरबीआई ने कहा है कि को-ऑपरेटिव बैंक को किसी संपत्ति को बेचने, स्थानांतरित करने या उसका निपटान करने से रोक दिया है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि विशेष रूप से, सभी बचत बैंक या चालू खाते या जमाकर्ता के किसी भी अन्य खाते में कुल शेष राशि को निकालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।स्थिति में सुधार होने तक लागू रहेंगे प्रतिबंधरिजर्व बैंक ने कहा है कि यह निर्देश 10 जून को कारोबार बंद होने के छह महीने बाद तक लागू रहेंगे और समीक्षा के अधीन होंगे। हालांकि, रिजर्व बैंक ने यह स्पष्ट किया कि इस निर्देश को सहकारी बैंक के बैंकिंग लाइसेंस को रद्द करने के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग व्यवसाय करना जारी रखेगा।बैंक ने 12 मई से रोक दिया था भुगतानपीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक ने 12 मई से ही ग्राहकों को भुगतान करने पर रोक लगा दी थी। बैंक ने कानपुर के आर्यनगर स्थित शाखा पर नोटिस चस्पा कर कहा था कि नकदी की कमी के कारण वह भुगतान करने में असमर्थ है। बैंक ने ऑनलाइन पेमेंट, आरटीजीएस, एनईएफटी आदि पर भी रोक लगा दी थी। इस नोटिस के बाद निकासी के लिए ग्राहकों की लंबी लाइन लग रही है लेकिन उन्हें निराश होकर लौटना पड़ रहा है।पीएमसी बैंक पर भी लग चुके हैं ऐसे प्रतिबंधआरबीआई पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (पीएमसी बैंक) पर भी ऐसी कार्रवाई कर चुका है। पीएमसी बैंक पर 23 सितंबर 2019 को 6 महीने के लिए प्रतिबंध लगाया गया था। इस दो बार 3-3 महीने के लिए बढ़ा जा चुका है। फिलहाल पीएमसी बैंक पर 22 जून 2022 तक प्रतिबंध लगा हुआ है।10 साल से ज्यादा समय तक सीईओ नहीं रह पाएंगे निजी बैंकों के प्रमोटरआरबीआई ने निजी बैंकों के प्रमोटर के बैंक प्रमुखों के पद पर बने रहने के लिए एक डिस्कशन पेपर जारी किया है। इस पेपर के मुताबिक, निजी बैंक में सीईओ या होल टाइम डायरेक्टर 70 वर्ष की उम्र तक ही अपने पद पर बना रहा सकता है। वहीं प्रमोटर या बड़ा शेयरहोल्डर सीईओ के पद पर 10 साल तक रह सकता है। यदि कोई सीईओ या होल टाइम डायरेक्टर प्रमोटर या बड़ा शेयरहोल्डर नहीं है तो वह अपने पद पर 15 साल तक रह सकता है। आरबीआई ने इस पेपर पर 15 जुलाई तक सुझाव मांगे हैं।


Source: Dainik Bhaskar June 12, 2020 03:21 UTC



Loading...
Loading...
  

Loading...

                           
/* -------------------------- overlay advertisemnt -------------------------- */