आईसीजे ने 15-1 के बहुमत से बुधवार को कुलभूषण जाधव पर भारत के पक्ष में फैसला दियाकोर्ट ने कहा- जाधव की फांसी की सजा निलंबित रहेगी, पाक को पुनर्विचार करना होगाअंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने कहा- पाक ने जाधव से संपर्क करने के अधिकार से भारत को वंचित रखा और विएना संधि का उल्लंघन कियापाकिस्तानी सेना की अदालत ने जाधव को जासूस बताकर अप्रैल 2017 को मौत की सजा सुनाई थीDainik Bhaskar Jul 18, 2019, 12:29 PM ISTनई दिल्ली. कोर्ट के अध्यक्ष सोमालिया के जस्टिस अब्दुलकावी अहमद यूसुफ ने फैसला पढ़ा। उन्होंने 42 पन्नों के फैसले में कहा कि पाकिस्तान जब तक पाकिस्तान प्रभावी ढंग से अपने फैसले की समीक्षा और पुनर्विचार नहीं कर लेता है, तब तक कुलभूषण की फांसी पर रोक रहेगी।2. आईसीजे ने कहा- पाकिस्तान ने कुलभूषण के साथ भारत की बातचीत और कॉन्स्यूलर एक्सेस के अधिकार को दरकिनार किया। पाकिस्तान ने भारत को कुलभूषण के लिए कानूनी प्रतिनिधि मुहैया कराने का मौका नहीं दिया। पाक ने विएना संधि के तहत कॉन्स्यूलर रिलेशन नियमों का उल्लंघन किया।3. जजों ने कहा- पाकिस्तान ने भारत को कुलभूषण जाधव के साथ बातचीत और मुलाकात के अधिकार से वंचित रखा। भारत ने कई बार कॉन्स्यूलर एक्सेस के लिए अपील की, जिस पाकिस्तान ने ठुकरा दिया। यह एक निर्विवाद तथ्य है कि पाकिस्तान ने भारत की अपील नहीं मानी।4. "पाकिस्तान विएना संधि के तहत कुलभूषण की गिरफ्तारी और उसके कारावास के संबंध में भारत को जानकारी देने के लिए बाध्य था। पाकिस्तान ने जाधव की गिरफ्तारी की जानकारी देने में तीन हफ्ते की देरी कर दी, यह भी विएना संधि की शर्तों का उल्लंघन है। पाकिस्तान यह नहीं स्पष्ट कर पाया कि कथित तौर पर भारत की किसी गड़बड़ी की वजह से उसने खुद को संधि की शर्तों को पूरा करने से खुद को रोक लिया।'5.
Source: Dainik Bhaskar July 18, 2019 03:56 UTC