वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने 30 दिनों तक बिजली की राशनिंग करने की घोषणा की है। नेशनल टीवी पर अपने संदेश में उन्होंने लोगों से सहयोग की अपील की। मादुरो का कहना था कि उन्हें पता है कि बिजली संकट के चलते बहुत से लोग उन्हें नहीं देख पा रहे हैं। लेकिन वह इस समस्या को जल्द सुलझा लेंगे। दरअसल, वेनेजुएला में पिछले करीब दो महीनों से राजनीतिक उथल-पुथल मची है। विरोध प्रदर्शनों के चलते देशभर में ब्लैकआउट की स्थिति पैदा हो गई है। इसकी वजह से देशभर के स्कूल और कारखाने तक बंद कर दिए गए हैं। आलम यह है कि वेनेजुएला में इस वक्त तेल सस्ता है और पानी महंगा।बिजली की राशनिंग का मतलब इसका संरक्षण करना है। वेनेजुएला में गंभीर बिजली संकट के चलते लोगों को पानी तक नहीं मिल पा रहा है। सरकार बिजली का संरक्षण कर सबसे पहले लोगों को पानी मुहैया कराने का काम करेगी। ऊर्जा संरक्षण का कदम इमरजेंसी के हालात में उठाया जाता है।वीरान हुई राजधानी काराकस की सड़कें वेनेजुएला में आखिरी बार ब्लैक आउट सात मार्च को शुरू हुआ था। पानी के पंप ठप होने से लोगों की परेशानी और ज्यादा बढ़ गई। सरकार ने एक हफ्ते के अंदर बिजली संकट के दूर होने का दावा किया था, लेकिन देश में बिजली आपूर्ति बदहाल है।देश के 90 फीसदी से ज्यादा इलाकों में बिजली न होने की वजह से स्कूल, दफ्तर और कारखाने फिर से बंद कर दिए गए हैं। लेकिन बिजली संकट से पानी के पंप भी ठप हो गए हैं। कर्मचारी बिजली आपूर्ति को बहाल करने में जुटे हैं। कामकाज ठप होने से राजधानी काराकस की सड़कें वीरान हो गई हैं।तेल सस्ता लेकिन बिजली की कमी से पानी महंगा यह लैटिन अमेरिकी देश लंबे अर्से से आर्थिक मंदी से जूझ रहा है। वेनेजुएला दुनिया के बड़े ऑयल उत्पादकों में से है। यहां तेल पानी से भी सस्ता है। ग्लोबल पेट्रोल प्राइज डॉटकॉम के मुताबिक, यहां इस वक्त तेल की कीमत पानी से कई गुना कम है।लोगों को पानी की तलाश के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। उन्हें शहर के पहाड़ी इलाकों में मौजूद जल स्रोतों से पानी भरकर लाना पड़ रहा है, या फिर बोतल बंद पानी की तलाश के लिए दुकानों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि विरोध प्रदर्शन वहां आए दिन की बात हो गए हैं।मादुरो ने विपक्ष पर लगाया देश में बिजली की कमी पैदा करने का आरोप मादुरो का आरोप है कि विपक्षी आतंकियों ने देश का मुख्य हाइड्रोइलेक्ट्रिक पॉवर प्लांट बर्बाद कर दिया, जिससे यह समस्याएं पैदा हो रही हैं। हालांकि, खुद मादुरो भी लंबे अर्से से देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर नहीं ला सके हैं। उनके तानाशाही रवैये के चलते वेनेजुएला के अमेरिका से संबंध काफी खराब हो चुके हैं। हालांकि, उन्हें रूसी संरक्षण हासिल है।
Source: Dainik Bhaskar April 02, 2019 03:33 UTC