श्रीलंका आतंकी हमला: जानें नेशनल तोहिथ जमात के बारे में जिस पर है शक की सुुई - News Summed Up

श्रीलंका आतंकी हमला: जानें नेशनल तोहिथ जमात के बारे में जिस पर है शक की सुुई


नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। ईस्‍टर का दिन श्रीलंका में मनहूसियत का वो दौर लेकर आया जिसको भुलापाना काफी मुश्किल होगा। रविवार को एक के बाद एक आठ बम धमाकों व आत्मघाती हमलों से श्रीलंका दहल उठा। पुलिस प्रवक्‍ता रुआन गुणशेकरा की मानें तो इन हमलों में मरने वालों की संख्‍या सोमवार सुबह तक 290 पहुंच चुकी है। मृतकों में 33 विदेशी हैं जिनमें चार भारतीय भी शामिल हैं। इन हमलों में करीब 500 लोग घायल भी हुए हैं। इसे श्रीलंका के इतिहास में सबसे भयावह हमला माना जा रहा है। इस मामले में अब तक 24 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अमेरिका ने रविवार को हुए हमलों के बाद अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है। इसमें आशंका जताई गई है कि श्रीलंका में फिर आतंकी हमले हो सकते हैं।सोशल साइट्स बंदहमले के बाद श्रीलंका में एहतियातन सोशल नेटवर्किंग साइट्स को फिलहाल बंद कर दिया है। यह सब कुछ किसी भी तरह की झूठी खबरों को फैलाने से रोकने के लिए किया गया है। पिछले वर्ष भी श्रीलंका ने इसी तरह की कार्रवाई की थी। उस वक्‍त सोशल मीडिया पर फैली झूठी खबर के चलते वहां कई जगहों पर बवाल हो गया था।नेशनल तोहिथ जमात पर शक की दो बड़ी वजहइन हमलों की अभी तक किसी ने जिम्‍मेदारी नहीं ली है, लेकिन इनके पीछे नेशनल तोहिथ जमात संगठन को माना जा रहा है। इसके पीछे दो वजह हैं। पहली वजह ये है कि श्रीलंका के खुफिया विभाग ने इन हमलों को लेकर पहले ही अलर्ट जारी कर दिया था। इंटेलिजेंस रिपोर्ट के मुताबिक यह संगठन कई जगहों पर हमले करने की साजिश रच रहा था। इसके अलावा दूसरी बड़ी वजह इन हमलों का तरीका है। यह हमले 2016 में बांग्लादेश के ढाका में होली आर्टिसन बेकरी से भी मेल खाते हैं। हालांकि, इन हमलों को बांग्‍लादेश के ही स्‍थानीय आतंकियों ने अंजाम दिया था।क्या है तोहिथ जमात संगठनआपको बता दें कि नेशनल तोहिथ जमात एक इस्लामिक चरमपंथी संगठन है। इसकी मौजूदगी श्रीलंका के पूर्वी प्रांत में ज्यादा है। यह संगठन कट्टरपंथी संदेश और वहाबी विचारधारा के प्रचार-प्रसार के लिए भी जाना जाता है। इसके अलावा यह महिलाओं को बुर्का पहनने और मस्जिदों के निर्माण के साथ शरिया कानून का भी हिमायती है।ये है इसका इतिहासइस संगठन का नाम पहली बार 2013 में सामने आया था। उस वक्‍त श्रीलंका के रक्षा मंत्री ने इसके तार आईएस से जुड़े होने की बात कही थी। इसके अलावा इस संगठन का सचिव जिसका नाम अब्दुल रैजिक है अपने भड़काऊ बयानों के लिए जाना जाता है। उसने ही वर्ष 2014 में बौद्ध धर्म को लेकर बेहद आपत्तिजनक बयान दिए थे। इसी वर्ष पीस लविंग मुस्लिम्स इन श्रीलंका (PLMMSL) ने इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। इसको लेकर संयुक्‍त राष्‍ट्र तक को पत्र भी लिखे गए थे। 2016 में अब्‍दुल के विवादास्‍पद बयानों की वजह से उसको पहली बार गिरफ्तार किया गया था। इस संगठन पर इससे पहले भी हिंसा भड़काने का आरोप लग चुका है। इस संगठन ने पिछले साल बौद्ध मूर्तियों को भी नुकसान पहुंचाया था। जिसकी वजह से बौद्ध और मुस्लिमों के बीच तनाव बढ़ गया था।भारत से लिंकभारत की बात करें तो इसको एक धड़ा भारत के तमिलनाडु में सक्रिय है। तमिलनाडु के इस संगठन के खिलाफ अक्टूबर 2017 में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इस संगठन पर जबरन ईसाई समुदाय के कुछ लोगों को इस्लाम में परिवर्तित करने का आरोप लगा था।जानें आखिर कांग्रेस छोड़कर शिवसेना का हाथ थामने वाली कौन हैं प्रियंकाPosted By: Kamal Verma


Source: Dainik Jagran April 22, 2019 06:47 UTC



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