Hindi NewsDb originalCoronavirus Covishield Covaxin Covaccine Vaccination Ground Report; Delhi Lucknow People On Cowin Vaccine RegistrationAds से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐपवैक्सीनेशन पर ग्राउंड रिपोर्ट: 18+ के लिए स्लॉट बुक करना ही बहुत मुश्किल, कई बार स्लॉट बुक हो जाता है तो भी सेंटर पर नहीं लगती वैक्सीननई दिल्ली 3 घंटे पहले लेखक: पूनम कौशलकॉपी लिंकवीडियोगुरुग्राम के रहने वाले खेमचंद पिछले एक महीने से वैक्सीन का स्लॉट हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अभी तक नाकाम रहे हैं। खेमचंद कहते हैं, 'कम से कम वैक्सीन की एक डोज तो मिले, उसके लगाए बगैर हम कैसे फाइट करें...।'उत्तर प्रदेश के रहने वाले अनूप ने 1 मई को ही वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन करा लिया था, लेकिन उन्हें अभी तक स्लॉट नहीं मिला है। वैक्सीन का स्लॉट हासिल करना किसी लड़ाई जीतने जैसा बन गया है। खेमचंद और अनूप जैसे लाखों लोग हैं, जिन्होंने कोविन एप पर रजिस्ट्रेशन तो करा लिया है, लेकिन उन्हें अभी स्लॉट नहीं मिला है।दिल्ली के रहने वाले सुनील कुमार हर समय अपने मोबाइल फोन पर नजरे गड़ाए रहते हैं। जैसे ही कहीं स्लॉट खाली मिलता है वो अपने किसी परिचित के लिए बुक करने की कोशिश में लग जाते हैं। सुनील कहते हैं, 'मैं कोई ट्रिक नहीं जानता हूं, चैट बोट के जरिए खाली स्लॉट चैक करता हूं। जहां दिखता है वहीं अपने किसी परिचित के लिए बुक कर देता हूं। कई बार ऐसा होता है कि जानकारी भरते-भरते ही स्लॉट हाथ से निकल जाता है। बहुत तेज स्पीड से इनपुट एंटर करना होता है। इंटरनेट स्पीड भी फास्ट चाहिए।'18 + के वैक्सीनेशन की घोषणा के बाद से दिल्ली और उत्तर प्रदेश के सेंटर्स पर वैक्सीन आउट आफ स्टॉक है। कई बार स्लॉट बुक करने के बाद भी सेंटर्स पर वैक्सीन नहीं लग पा रही है।स्लॉट मिला, बिना वैक्सीन लगे ही जारी हो गया सर्टीफिकेटजैसे-तैसे अगर स्लॉट मिल भी जाता है तो ये इस बात की गारंटी नहीं है कि वैक्सीन लग ही जाएगी। बुलंदशहर में रह रहे रिसर्च स्कॉलर आशीष शुक्ला ने कई दिनों के प्रयास के बाद स्लॉट बुक किया, लेकिन उन्हें बिना वैक्सीन लगाए ही सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया।35 वर्षीय आशीष शुक्ला कहते हैं, 'मैंने दस दिन पहले बुलंदशहर में कोवीशील्ड वैक्सीन लगवाने के लिए स्लॉट बुक किया था। मुझे 28 मई एक से तीन बजे के बीच का स्लॉट दिया गया था। वैक्सीनेशल सेंटर अगोता बुलंदशहर में था। मैं निर्धारित समय से पहले ही पहुंच गया था। जब मैं अगोता हेल्थसेंटर पहुंचा तो बताया गया कि 18-44 के बीच वाले लोगों को वैक्सीन लग नहीं रही है।'आशीष कहते हैं, 'हेल्थसेंटर के कर्मचारियों ने बताया कि अब सेंटर पर नहीं बल्कि गांव-गांव घूमकर वैक्सीन लगाई जा रही है। अभी टीम कसैली नाम के गांव में है। मैं अगोता से कसैली पहुंचा तो वहां वैक्सीनेशन ड्राइव चल रही थी। वहां सभी दस्तावेज दिखाने के बावजूद मुझे वैक्सीन नहीं लगाई गई। उन्होंने अपने सिस्टम में मेरे मोबाइल नंबर से लॉगइन किया और मुझे दिखाया कि 18-44 आयु वर्ग के लिए स्लॉट उपलब्ध नहीं हैं।'आशीष वैक्सीन लगवाने अपने घर से बीस किलोमीटर दूर गए थे। जब बिना वैक्सीन लगवाए ही वो घर पहुंच गए तो उनके पास मैसेज आया कि उन्हें वैक्सीन लग गई है और वो सर्टिफिकेट डाउनलोड कर सकते हैं। आशीष कहते हैं, 'मुझे वैक्सीन तो लगी नहीं लेकिन सर्टिफिकेट जरूर मिल गया है। पोर्टल पर भी यही अपडेट है कि मैंने वैक्सीन लगवा ली है। अब समझ नहीं आ रहा है कि ये कैसा वैक्सीन ड्राइव चल रहा है।'आशीष कहते हैं, 'पहले स्लॉट हासिल करने के लिए मशक्कत की। पेटीएम एप पर नोटीफिकेशन लगाया तब कई प्रयास के बाद स्लॉट मिला। अब पूरा दिन वैक्सीन लगवाने के लिए चक्कर काटा लेकिन वैक्सीन नहीं लगी।'बुलंदशहर के रहने वाले आशीष शुक्ल स्लॉट बुक कर सेंटर पर पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि अब गांव में घूम-घूम कर वैक्सीन लग रही है। लेकिन, वहां पहुंचने पर उनसे कहा गया कि 18-44 वालों के लिए स्लॉट मौजूद नहीं है। हां उनके फोन पर यह मैसेज जरूर आ गया है कि आप अपना वैक्सीन प्रमाण पत्र डाउनलोड कर लें।आशीष ने जब कोविन हेल्पलाइन पर फोन किया तो ऑपरेटर ने उनसे दोबारा किसी दूसरे नंबर और दस्तावेज के जरिए रजिस्ट्रेशन कराने का सुझाव दिया। उन्हें बताया गया कि जो गलती हुई है उसमें सुधार संभव नहीं हैं। आशीष को नहीं मालूम की आगे उन्हें क्या करना चाहिए।चैटबोट से मिल जाती है खाली स्लॉट की जानकारीभारत सरकार ने व्हाट्सएप चैटबोट 9013151515 जारी किया है जिस पर किसी क्षेत्र का पिनकोड मैसेज करके वहां उपलब्ध स्लॉट की जानकारी हासिल की जा सकती है। सरकार ने कोविन के API (एप्लिकेशन प्रोग्राम इंटरफेस) का एक्सेस पब्लिक किया है जिसके जरिए प्राइवेट डेवलपर भी स्लॉट खाली होने की रियल टाइम जानकारी हासिल कर सकते हैं और उसे चैटबोट या अपने एप के जरिए पब्लिक कर सकते हैं।कई थर्ड पार्टी एप ने भी नोटीफिकेशन की सर्विस दी है जो चयनित एरिया में स्लॉट खाली होती है अलर्ट भेज देती हैं। ये एप कोविन के डाटाबेस को एक्सेस करके ये जानकारी देती हैं। स्लॉट बुक करने का प्रयास कर रहे लोगों के लिए ये काफी मददगार भी होता है क्योंकि रियल टाइम में अलर्ट मिलने पर यदि तुरंत स्लॉट बुक करने का प्रयास किया जाता है तो स्लॉट मिलने की संभावना अधिक रहती है।ऐसे मिलता है खाली स्लॉट का नोटिफिकेशनसभी जिलों के अधिकारी वैक्सीन की उपलब्धता के आधार पर अपने क्षेत्र के स्लॉट कोविन एप पर खोलते हैं। आमतौर पर ऐसा शाम 6 से 8 बजे के बीच किया जाता है। ये स्लॉट वैक्सीन की उपलब्धता के आधार पर खोले जाते हैं।जिलास्तर से कोविन पोर्टल पर डाटा अपलोड किया जाता है जिसे आरोग्य सेतु एप या फिर कोविन पोर्टल पर रिफ्लेक्ट किया जाता है। थर्ड पार्टी एप (जैसे की पेटीएम) या चैटबोट कोविन के डाटाबेस को एक्सेस करते हैं और दर्ज किए गए पिनकोड के आधार पर सर्च करते हैं। ये चंद सेकंड के भीतर ही यूजर को पिनकोड के आधार पर वैक्सीन स्लॉट की जा
Source: Dainik Bhaskar June 01, 2021 06:23 UTC