नई दिल्ली (रायटर)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आरोप लगाया कि दोनों देशों की वार्ता में बनी सहमति से चीन पीछे हटा है। उसने साथ ही कहा कि जब तक चीन उसके कर्मचारियों को धोखा देना बंद नहीं करता, तब तक अमेरिका चीन पर नया शुल्क लगाने से पीछे नहीं हटेगा। इस बीच अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि के कार्यालय ने कहा कि चीन के 200 अरब डॉलर के आयात पर शुक्रवार से ही शुल्क 10 फीसद से बढ़कर 25 फीसद हो जाएगा।चीन के उप प्रधानमंत्री लियु हे और अमेरिका के शीर्ष व्यापार अधिकारी की दो दिवसीय वार्ता वाशिंगटन में गुरुवार और शुक्रवार को हो रही है। फ्लोरीडा में बुधवार को एक रैली में ट्रंप ने कहा कि चीन वार्ता से पीछे हट रहा है और यदि सहमति नहीं बन पाई, तो इसकी कीमत चीन को चुकानी होगी। चीन हमारे कर्मचारियों को धोखा नहीं दे सकता है। यदि हमारे बीच समझौता नहीं हुआ, तो हर साल 100 अबर डॉलर से अधिक वसूलने में कुछ बुराई नहीं है।अमेरिका की चेतावनी का जवाब देते हुए चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि ट्रेड वार में अपने हितों की रक्षा के लिए चीन पूरी तरह से तैयार है। उसने हालांकि उम्मीद जताई कि अमेरिका एक पक्षीय कदमों से नहीं बल्कि वार्ता से मुद्दों को सुलझाएगा। वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता गाओ फेंग ने कहा कि चीन के रुख में बदलाव नहीं आया है। चीन किसी भी दबाव के सामने नहीं झुकेगा। उसने सभी संभावित निष्कर्षो का जवाब देने की तैयारी कर रखी है। इसके बारे में हालांकि उन्होंने कुछ विस्तार से नहीं बताया।इस बीच, अमेरिकी बाजार में चाइना मोबाइल के प्रवेश पर रोक लगाने के एक प्रस्ताव पर गुरुवार को अमेरिका के फेडरल कम्युनिकेशन कमिशन (एफसीसी) में मतदान होगा। चाइना मोबाइल चीन की सरकारी दूरसंचार कंपनी है। एफसीसी के चेयरमैन अजीत पई ने सीनेट एप्रोप्रिएशंस सबकमेटी ऑन फाइनेंशियल सर्विसेज एंड जनरल गवर्मेट के सदस्यों से एक सुनवाई के दौरान कहा कि चाइना मोबाइल को अमेरिकी बाजार में प्रवेश करने से रोकने के मेरे प्रस्ताव पर पक्ष में मतदान होने की उम्मीद है।लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एपPosted By: Praveen Dwivedi
Source: Dainik Jagran May 10, 2019 04:07 UTC