Dainik Bhaskar Apr 22, 2019, 04:08 PM ISTभाजपा ने रविवार को इंदौर से शंकर लालवानी को अपना उम्मीदवार घोषित कियाइंदाैर. भाजपा ने रविवार को इंदौर लोकसभा सीट के प्रत्याशी के तौर पर आईडीए के पूर्व अध्यक्ष शंकर लालवानी के नाम का ऐलान कर दिया। 15 दिनों की जद्दोजहद, दो बड़े नेताओं के इनकार के बाद पार्टी में नामों को लेकर इतनी खींचतान मची कि इंदौर का नाम सबसे आखिर में ही तय हो सका। अब लालवानी का मुकाबला कांग्रेस के पंकज संघवी से होगा। लालवानी काे टिकट मिलने के बाद भाजना के वरिष्ठ नेता सत्यनारायण सत्तन ने कहा- अब यह कांग्रेस भाजपा की नहीं संगठन की लड़ाई है। क्योंकि दोनों के ही पिता ने लंबे समय तक संगठन का कार्य किया। वहीं, पूर्व महापौर कृष्णमुरारी मोघे ने कहा - मैं भी टिकट का दावेदार था।सत्तन से आशीर्वाद लेने पहुंचे लालवानी : सोमवार दोपहर सत्तन गुरु ने आशीर्वाद लेने शंकर लालवानी उनके घर पहुंचे। यहां सत्तन ने कहा जितनी खुशी राम का कार्य करने में गुरु वशिष्ठ को मिली थी और अर्जुन का कार्य करने में गुरु द्रोणाचार्य को उतनी ही खुशी उन्हें शंकर के लिए कार्य करने में मिलेगी। सत्तन ने मीडिया से कहा कि अब चाबी जनता के हाथ में है। भाई के पास कोई चाबी नहीं थी, हां लेकिन जनता ने हमेशा अपना प्रतिनिधित्व करने के लिए ताई को आगे करा था और ताई का बहुत सम्मान करते हैं। ताई के लिए उन्होंने कहा कि ताई अपराजित योद्धा है और जब भी प्रजातंत्र में मतदान होते रहेंगे ताई का नाम अग्रणी रहेगा।सत्तन ने कहा- बड़ा अजीब संयोग है, जो पंकज और लालवानी के बीच मुकाबला है। इस बार लड़ाई बीजेपी और कांग्रेस की नहीं है संगठन के लोगों की। पंकज के पिता जो थे वे भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष थे, वहीं लालवानी के पिता जो थे वे संघ की शाखाओं को संचालित करते थे। वे जब पाकिस्तान से आए तो यहां शाखाएं संचालित करने लगे। इसलिए यह लड़ाई अब कांग्रेस और भाजपा की ना होकर एक ही साइड की मानसिकता वालों की लड़ाई हो गई है। ये बात अलग है कि ये दोनों की अलग- अलग दल के हैं। दोनों पार्टियों युवाओं को प्रोत्साहन देने की बात करते हैं, इसीलिए इन्हें टिकट दिया गया है।साध्वी प्रज्ञा ठाकुर मामले में कहा कि साध्वी ने अपने ऊपर की हुई यातनाओं का बखान किया है। इसे यह कहा जा रहा है कि वे राजनीति कर रही हैं। आचार संहिता के चलते उनके बयानों को उस परिपेक्ष में देखा जा रहा है। उन्होंने अपनी पीड़ा की अभिव्यक्ति की। ना तो मैं उसका साक्षी हूं और ना आप… उन दोनों के बीच जो ताड़ना-प्रताड़ना हुई। उसकी साक्षी वही हैं।मोघे ने स्वीकार किया कि मैं भी था दावेदार : भाजपा के वरिष्ठ नेता कृष्ण मुरारी मोघे ने स्वीकार किया कि मैं भी इंदौर लोक सभा से टिकट का दावेदार था, लेकिन यह नाम मैंने नहीं इंदौर के लोगों ने चलाया था। चूंकि अब स्थिति स्पष्ट हो गई है तो पार्टी शंकर ललवानी को जिताने के लिए हम एकजुट हैं। मोघे ने कहा कि पंकज संघवी एक ही चुनाव पार्षद का जीते हैं, वह भी भाजपा में रहते हुए। इसके बाद हर चुनाव हारे हैं, इस बार फिर वे अपना हार का इतिहास दोहराएंगे।टिकट मिलने के बाद शंकल लालवानी ने कहा - शंकर लालवानी ने कहा कि पार्टी और संगठन ही सब बातें तय करता है और जितने भी वरिष्ठ नेता थे उन्होंने उनका नाम आगे क्या है और नाम को लेकर जाओ असमंजस था वह दूर हो गया है। लालवानी को टिकट मिलने के बाद गोकुल गार्डन में आयोजित हुए मेले में आए मुख्य अतिथि सिंधु महासभा के पदाधिकारी लध्धाराम नागवानी ने कहा कि भाजपा द्वारा सिंधी समाज को प्रतिनिधित्व दिए जाने पर पूरे समाज मे खुशी है।
Source: Dainik Bhaskar April 22, 2019 05:48 UTC