लोकसभा चुनाव से पहले रेलवे में लगेगी हरी झंडी, शिलान्यास और उद्घाटनों की झड़ीसंजय सिंह, नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए सरकार अगले एक-डेढ़ महीने में जनता को रेलवे की कई नवीन सुविधाओं और सेवाओं की सौगात देने वाली है। इनमें ट्रेनों के संचालन से लेकर नवनिर्मित स्टेशनों व कारखानों के उद्घाटन और नई लाइनों, पुलों के शिलान्यास तक के अनेक कार्यक्रम शामिल हैं। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण स्कीमों की शुरुआत स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।रेलवे का सबसे पहला कार्यक्रम बुधवार को दिल्ली में होने जा रहा है, जिसमें एक ही दिन में अलग-अलग जगहों से 22 ऐसी ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई जाएगी जिनके मार्गो का विस्तार किया गया है।इसके बाद दूसरा बड़ा कार्यक्रम ट्रेन-18 से संबंधित है, जिसे गणतंत्र दिवस से पहले वाराणसी और दिल्ली के बीच चलाया जाना है। वाराणसी में 21 जनवरी से प्रवासी भारतीय सम्मेलन हो रहा है, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।ट्रेन18 चलाने के बाद मढ़ौरा फैक्ट्री का उद्घाटन, नए पंबन पुल का शिलान्यासमाना जाता है कि उसी दिन ट्रेन-18 को भी हरी झंडी दिखाई जा सकती है। जबकि सम्मेलन के उपरांत 23 जनवरी को इसी ट्रेन के जरिए प्रवासी भारतीयों को कुंभ स्नान के लिए पहले इलाहाबाद और फिर वहां से गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेने के लिए दिल्ली लाया जाएगा।इसके बाद अगला प्रमुख आयोजन बिहार के मधेपुरा में होगा, जहां प्रधानमंत्री डीजल लोकोमोटिव फैक्ट्री का उद्घाटन करेंगे। इसकी तिथि की घोषणा शीघ्र की जाएगी। रेलवे के पूर्ण विद्युतीकरण की घोषणा के बाद मढ़ौरा फैक्ट्री के भविष्य को लेकर कयास लगाए जाने लगे थे, लेकिन सरकार के आश्वासन के बाद अमेरिकी कंपनी जीई ने कारखाने को पूरा कर उत्पादन प्रारंभ कर दिया है। दो सौ एकड़ में फैले इस कारखाने में हर वर्ष 120 डीजल इंजन बनेंगे। अगले दस वर्षो में यहां एक हजार डीजल इंजनों का उत्पादन होना है।इसके लिए स्थानीय युवाओं समेत पांच हजार से ज्यादा लोगों को नौकरी पर रखा गया है। शुरुआत में यहां 40 इंजनों को आयात के बाद असेंबल किया जाएगा। जबकि बाद में पूर्णतया स्वदेशी उत्पादन प्रारंभ होगा।प्रधानमंत्री कारखाने का औपचारिक उद्घाटन कर इस प्रक्रिया का शुभारंभ करेंगे। यही नहीं, अगले दो महीनों में पीएम गांधीनगर और हबीबगंज में पुनर्विकसित रेलवे स्टेशनों का उद्घाटन भी कर सकते हैं।एक और बड़ा समारोह तमिलनाडु के रामेश्वरम में संभावित है, जहां नवीन पंबन पुल का शिलान्यास प्रधानमंत्री के हाथों कराए जाने की तैयारी है। समुद्री जहाजों को रास्ता देने के लिए आटोमैटिक ढंग से ऊपर उठने वाले इस नए पुल के निर्माण का ऐलान रेलवे ने हाल ही में किया है। यह कैंची की तरह खुलने-बंद होने वाले पुराने मौजूदा पुल का स्थान लेगा। सरकार और भाजपा दोनो के लिए इस पुल का इसलिए विशेष महत्व है, क्योंकि यह भारत की मुख्य भूमि को रामसेतु से जोड़ता है।Posted By: Bhupendra Singh
Source: Dainik Jagran January 20, 2019 14:03 UTC