लैब टेक्नीशियन भर्ती में फर्जीवाड़ा: कई चयनित अभ्यर्थियों ने डिप्लोमा से पहले ही ले लिया अनुभव, अब जांच होगी - News Summed Up

लैब टेक्नीशियन भर्ती में फर्जीवाड़ा: कई चयनित अभ्यर्थियों ने डिप्लोमा से पहले ही ले लिया अनुभव, अब जांच होगी


Hindi NewsLocalRajasthanJaipurMany Selected Candidates Have Gained Experience Before Taking Diploma, Now It Will Be ExaminedAds से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐपलैब टेक्नीशियन भर्ती में फर्जीवाड़ा: कई चयनित अभ्यर्थियों ने डिप्लोमा से पहले ही ले लिया अनुभव, अब जांच होगीजयपुर 7 घंटे पहले लेखक: विनोद मित्तलकॉपी लिंकलैब टेक्नीशियन भर्ती में फर्जीवाड़ा सामने आया है।सरकारी नौकरी पाने के लिए अभ्यर्थी किस कदर फर्जीवाड़ा कर सकते हैं यह लैब टेक्नीशियन भर्ती में सामने आया है। इस भर्ती में कई चयनित अभ्यर्थी ऐसे हैं जिन्होंने लैब टेक्नीशियन का डिप्लोमा बाद में किया और अनुभव डिप्लोमा लेने के दो साल पहले ही ले लिया। प्लेसमेंट एजेंसियों ने अभ्यर्थियों से मिलीभगत कर उन्हें डिप्लोमा से पहले की अवधि का अनुभव प्रमाण पत्र जारी कर दिया।सवाल उठता है कि डिप्लोमा से पहले अनुभव कोई कैसे ले सकता है। शिकायत के बाद अब राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने इस मामले की जांच शुरू की है। चयन बोर्ड ने पिछले साल लैब टेक्नीशियन के 1119 पदों पर भर्ती निकाली थी। इस भर्ती में पिछले महीने 439 अभ्यर्थियों का चयन कर नियुक्ति दी गई।चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन चिकित्सा विभाग की टीम ने किया था। टीम ने लापरवाही बरती और अभ्यर्थियों के इस फर्जीवाड़े पर ध्यान नहीं दिया और ऐसे कई अभ्यर्थियों को योग्य ठहरा दिया।30 बोनस अंकों के लिए किया फर्जीवाड़ाइस भर्ती में अनुभव के 30 बोनस अंकों का प्रावधान रखा गया था। इसमें एक साल के 10, दो साल के 20 और तीन साल के अनुभव के 30 अंक दिए जाने थे। इन अंकों के चक्कर में ही कई अभ्यर्थियों ने डिप्लोमा से पहले का अनुभव प्रमाण पत्र लगा दिया।इस भर्ती में राजस्थान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधीनस्थ सेवा नियम 1965 के प्रावधानों के अनुसार न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता परीक्षा और व्यावसायिक योग्यता परीक्षा अथवा दोनों में जैसी भी स्थिति हो में प्राप्त औसत अंकों का 70 फीसदी और अनुभव के अधिकतम 30 अंकों के आधार पर मेरिट तैयार करने का प्रावधान रखा गया था। इन औसत अंकों का 70 प्रतिशत लिया जाएगा और अनुभव के बोनस के अधिकतम 30 अंक जोड़ते हुए मेरिट बनाई गई।प्लेसमेंट एजेंसियों ने अभ्यर्थियों से मिलीभगत कर डिप्लोमा से पहले की अवधि का अनुभव प्रमाण पत्र जारी कर दियाकेस- 1 : जयपुर के एक चयनित ने 2020 में नियमित रूप से लैब टेक्नीशियन का डिप्लोमा किया। इसने फरवरी 2018 से 30 जून 2020 तक 2 साल 4 महीने का अनुभव लिख दिया। इसने डिप्लोमा और अनुभव दोनों एक ही समयावधि में नियमित कर लिए, जबकि दोनों नियमित नहीं हो सकते।केस-2 : बीकानेर की एक महिला ने 2020 में लैब टेक्नीशियन का डिप्लोमा किया। इसने डिप्लोमा से पहले की अवधि 2013 से 2017 तक एनजीओ या प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए 3 साल 8 महीने 7 दिन का अनुभव दर्शा कर नौकरी ले ली।केस-3 : हनुमानगढ़ में नौकरी लगे एक चयनित के आवेदन फार्म के अनुसार उसने 2019 में लैब टेक्नीशियन का डिप्लोमा प्राप्त किया। लेकिन इसने 2013 से 2016 तक एनजीओ और प्लेसमेंट एजेंसी से 3 साल 10 दिन का अनुभव बता दिया। यानी डिप्लोमा से दो साल पहले ही अनुभव ले लिया।डिप्लोमा से पहले का अनुभव प्रमाण पत्र मान्य नहीं होगा। बोर्ड को इस तरह की शिकायत मिली है। ऐसे मामलो की जांच कराकर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। - हरिप्रसाद शर्मा, अध्यक्ष, राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्डफर्जीवाड़ा करने वाले अभ्यर्थियों और इनको डिप्लोमा से पहले ही अनुभव प्रमाण पत्र जारी करने वाली प्लेसमेंट एजेंसियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। - महेश सैनी, अखिल राजस्थान लैब टेक्नीशियन कर्मचारी संघ


Source: Dainik Bhaskar May 27, 2021 23:15 UTC



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