लखनऊ लोकसभा सीट: अटल बिहारी वाजपेयी की सीट पर रहा है भाजपा का दबदबा - News Summed Up

लखनऊ लोकसभा सीट: अटल बिहारी वाजपेयी की सीट पर रहा है भाजपा का दबदबा


नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। लखनऊ लोकसभा सीट देश की सबसे प्रमुख सीटों में आती है। यह ऐसी सीट है जहां पर अभी वर्तमान में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह सांसद हैं। यह सीट से पूर्व पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की राजनीतिक कर्मभूमि है। यहां से अटल बिहारी वाजपेयी पांच बार सांसद रहे। यह ऐसी सीट है, जहां आज तक सपा और बसपा एक बार भी नहीं जीत सके। इस सीट पर 1991 से अब तक भाजपा काबिज है। यह ऐसा सीट है जो सौ फीसदी शहरी है।लखनऊ की राजनीतिक पृष्ठभूमिआजादी के बाद लखनऊ लोकसभा सीट पर कुल 16 बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं। इनमें सबसे ज्यादा सात बार भाजपा और छह बार कांग्रेस जीत हासिल की है। इसके अलावा जनता दल, भारतीय लोकदल और निर्दलीय ने एक-एक बार जीत हासिल की है।आजादी के बाद लखनऊ सीट पर पहली बार 1952 में चुनाव हुए तो कांग्रेस से शिवराजवती नेहरू जीते। इसके बाद कांग्रेस ने लगातार तीन बार जीत हासिल की, लेकिन 1967 में हुए आम चुनावों में निर्दलीय उम्मीदवार आनंद नारायण ने जीत का परचम लहराया। इसके बाद इंदिरा गांधी के समय 1971 में हुए आम चुनाव में कांग्रेस की शीला कौल सांसद बनी।इमरजेंसी के बाद 1977 में हुए लोकसभा चुनाव में हेमवती नंदन बहुगुणा भारतीय लोकदल से जीतकर संसद पहुंचे। हालांकि 1980 में कांग्रेस ने एक बार फिर शीला कौल को यहां से चुनावी मैदान में उतारकर वापसी की। वह 1984 में चुनाव जीतकर तीसरी बार सांसद बनने में कामयाब रहीं। 1989 में जनता दल के मान्‍धाता सिंह ने जीत हासिल की। इसके बाद कांग्रेस इस सीट से कभी जीत नहीं हासिल कर सकी।1990 से भाजपा के प्रमुख नेता अटल बिहारी वाजपेयी एक बार क्‍या जीते वो सिलसिला नहीं टूटा। ग्‍वालियर के रहने वाले अटल बिहारी वाजपेयी से एक बार लखनऊ से नाता जुड़ा तो वह कभी खत्‍म नहीं हुआ। ध्‍यान देने वाली बात यह है कि पिछले सात लोकसभा चुनावों से भाजपा लगातार इस सीट से जीत दर्ज कर रही है। अटल बिहारी वाजपेयी के बाद 2009 में उनकी राजनीतिक विरासत संभालने के लिए लालजी टंडन को भाजपा ने जीत दर्ज की। इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने किस्मत आजमाई और उन्होंने कांग्रेस की रीता बहुगुणा को पौने तीन लाख वोटों से हराया।2014 के चुनाव के बारे में2014 में हुए लोकसभा चुनाव में लखनऊ संसदीय सीट पर 53.02 फीसदी मतदान हुए थे। इस सीट पर भाजपा के तत्‍कालीन अध्‍यक्ष राजनाथ सिंह ने कांग्रेस की रीता बहुगुणा जोशी को दो लाख 72 हजार 749 वोटों से मात देकर जीत हासिल की थी। इससे पहले राजनाथ सिंह गाजियाबाद सीट से सांसद थे। इस सीट पर सपा और बसपा को एक लाख से कम वोट मिले।(लखनऊ में मेट्रो को शुभारंभ करते केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, राज्‍यपाल राम नाईक, यूपी के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍य नाथ, उप मुख्‍यमंत्री दिनेश शर्मा, मंत्री रीता बहुगुणा जोशी)क्‍या है इस सीट की ऐति‍हासिक स्थितिलखनऊ उत्‍तर प्रदेश की राजधानी है। गोमती नदी के किनारे बसा लखनऊ को नवाबों का शहर कहा जाता है। यह उत्‍तर मुगलों के समय देश के प्रमुख शहरों में गिना जाता है। यह कारण है कि इसे नवाबों के शहर के रूप में जाता है। लखनऊ की वर्तमान स्‍वरूप में स्थापना नबाब आशफउद्दौला ने 1775 ई. में की थी। इस शहर के बारे में एतिहासिक मान्यता है कि इसे भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण ने बसाया था तो कुछ लोग इसे लखन पासी के शहर के तौर पर भी जानते हैं। लखनऊ की संस्‍कृति पुरानी दुनिया में मशहूर है। यहां की बोली-बानी, रहन-सहन और पहनने का सलीका को लोग याद करते हैं। यहां के व्‍यंजनों की शान पुरी दुनिया में फैली है।क्‍या है इस सीट का सामाजिक समीकरण2011 के जनगणना के मुताबिक लखनऊ की जनसंख्या 23,95,147 है। यहां 100 फीसदी शहरी आबादी है। 2017 के मुताबिक यहां 19,49,226 मतदाता और 1,748 मतदान केंद्र हैं। एससी जाति की आबादी 9.61 फीसदी हैं और एसटी की आबादी 0.02 फीसदी है। माना जाता है कि इस सीट पर ब्राह्मण और वैश्य मतदाता निर्णयक भूमिका में है, जबकि 21 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है। जिसमें बड़ी संख्‍या शिया मुसलमानों है।लखनऊ लोकसभा सीट के अर्न्‍तगत पांच विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें लखनऊ पश्चिम, लखनऊ उत्तर, लखनऊ पूर्व, लखनऊ मध्य और लखनऊ कैंट विधानसभा सीट शामिल है। फिलहाल पांचों विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा है।Posted By: Arun Kumar Singh


Source: Dainik Jagran April 02, 2019 09:33 UTC



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