लखनऊ में 170 भेड़ों की मौत, 200 की हालत बिगड़ी:लखनऊ के राष्ट्र प्रेरणा स्थल में 170 भेड़ों की तड़प-तड़पकर मौत हो गई। 200 से ज्यादा भेड़ों की हालत नाजुक है। वे उठ नहीं पा रही हैं।. दरअसल, राष्ट्र प्रेरणा स्थल का 25 दिसंबर को उद्घाटन हुआ था। समारोह में आए लोगों को लंच पैकेट बांटा गया था। बचा हुआ खाना वहीं फेंक दिया गया था। भेड़ों ने बासी और सड़े खाने को खा लिया। आशंका है कि बासी खाना खाने से उनकी तबीयत बिगड़ गई। बाद में उनकी मौत हो गई।सोमवार सुबह तक 170 भेड़ें मर चुकी थीं। इनके शरीर अकड़ चुके थे। जब पूरे इलाके में भेड़ों की मौत का शोर मचा तो पुलिस पहुंची। सरकारी मेडिकल टीम को बुलाया गया। 30 डॉक्टरों ने इलाज किया। डॉक्टरों का कहना है कि जिन भेड़ों की मौत हुई है, उनका पोस्टमॉर्टम कराया जाएगा। इसके बाद मौत के कारणों की पुष्टि हो सकेगी।घटना स्थल की 3 तस्वीरें...मरी हुई भेड़ों के पैर अकड़ गए थे। पूरा शरीर एकदम टाइट हो गया।राष्ट्र प्रेरणा स्थल के उद्घाटन में आए लोगों के बचे लंच पैकेट ऐसे ही जमीन पर फेंक गए। आशंका है कि इन्हें खाकर भेड़ों की मौत हुई।भेड़ों के मुंह से झाग निकल रहा था, जिसके बाद उनकी मौत हो रही थी।चार चरवाहों की भेड़ें थीं, फतेहपुर से आए थे सभी भेड़ें चार चरवाहों की थीं। ये लोग फतेहपुर से कुछ दिन पहले यहां भेड़ चराने आए थे। भेड़ पालने वाले प्रदीप कुमार, विजय पाल, अजय पाल, शिवरतन ने बताया- हमारी भेड़ों की रात में तबीयत खराब होनी शुरू हो गई थी। हमने देसी दवाई भी खिलाने की कोशिश की, लेकिन कुछ काम नहीं आई। सुबह होने तक 170 भेड़ें मर गईं।एक चरवाहा मरी हुई भेड़ों के पास बैठकर रो रहा था।अब जिंदगी जहर खाने लायक बची, बच्चे कैसे पढ़ेंगे भेड़ों के मालिक प्रदीप कुमार फूट-फूटकर रो रहे थे। उन्होंने कहा- अब जिंदगी सिर्फ जहर खाने के लायक बची है और कुछ नहीं। हमारी जिंदगी भर की जमा-पूंजी चली गई। हमारा एक भाई विदेश गया था, वहां से उसने पैसे भेजे थे। हमने अपनी जमा पूंजी लगाकर ये जानवर खरीदे थे। घर में बच्चे हैं, उनकी पढ़ाई कैसे होगी? हम चाहते हैं कि योगीजी इसका निरीक्षण करें और जो भी मुआवजा हो, हमें दें।प्रदीप की आंखें सुबह से डबडबाई हुई हैं।डॉक्टर बोले- फूड पॉइजनिंग हो सकती है पशु चिकित्सा अधिकारी आरपी सचान अपनी 5 डॉक्टरों की टीम लेकर पहुंचे। उन्होंने बताया कि यह फूड पॉइजनिंग का केस लग रहा है। सड़ा या ज्यादा खाना खाने से पशुओं में ब्लॉट होने लगता है। उनका पेट फूलता है। सांस लेने में दिक्कत होती है। इसी से मौत भी हो जाती है। जिन भेड़ों की हालत अभी ठीक नहीं है, हम लोग उन्हें बचाने की कोशिश कर रहे हैं। डॉक्टरों की दो और टीमें आई हैं।डॉ. सचान ने बताया- अभी मरी भेड़ों की गिनती नहीं की है। जिनकी तबीयत खराब है उनका इलाज किया जा रहा है।NGO वाले भी पहुंचे, विरोध दर्ज कराया हेल्पिंग हैंड NGO की अध्यक्ष चारु खरे भी घटना स्थल पर पहुंच गईं। उन्होंने बताया- प्रेरणा स्थल के उद्घाटन के दिन वहां पर जो लंच बॉक्स बंटा था, उसके बचे हुए खाने को खाकर भेड़ बीमार हुईं और मरीं। उन्हें फूड पॉइजनिंग हो गई है।जिस दिन प्रेरणा स्थल का उद्घाटन हुआ, उसके बाद यहां साफ-सफाई नहीं हुई। फेंके हुए भोजन को खाने की वजह से इन भेड़ों की मौत हुई है। नगर निगम समेत जिला प्रशासन पर ने लापरवाही की। जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।खेत में मरी भेड़ों के पास ईनो के पाउच पड़े हैं। चरवाहों ने ईनो भी पिलाया था।घटना से जुड़े पल-पल की अपडेट्स के नीचे ब्लॉग पढ़िए...
Source: Dainik Bhaskar December 29, 2025 17:22 UTC