सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि 1994 के संविधान पीठ के फैसले पर पुनर्विचार की जरूरत है या नहीं. फैसले में कहा गया था कि मस्जिद में नमाज इस्लाम का अभिन्न हिस्सा नहीं है.अगर तीन जजों की पीठ यह तय करती है कि पुनर्विचार किया जाना चाहिए तो वह यह मामला पांच जजों की संविधान पीठ को भेज सकती है. अगर पीठ कहती है कि उस फैसले पर विचार की जरूरत नहीं है तो राम जन्मभूमि- बाबरी मस्जिद जमीन विवाद पर सुनवाई जल्द हो सकती है.20 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने इस पर फैसला सुरक्षित रखा कि संविधान पीठ के 1994 के फैसले पर फिर विचार करने की जरूरत है या नहीं. कोर्ट ने कहा था कि पहले यह तय होगा कि संविधान पीठ के 1994 के उस फैसले पर फिर से विचार करने की जरूरत है या नहीं कि मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्लाम का इंट्रीगल पार्ट नहीं है. पीठ ने यह भी कहा था कि मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्लाम का इंट्रीगल पार्ट नहीं है.
Source: NDTV September 26, 2018 15:33 UTC