रांची / पैसे के लिए अस्पताल ने शव ले जाने से रोका; परिजनों ने चंदा इकट्ठा किया तब देख पाए अंतिम बार चेहरा - News Summed Up

रांची / पैसे के लिए अस्पताल ने शव ले जाने से रोका; परिजनों ने चंदा इकट्ठा किया तब देख पाए अंतिम बार चेहरा


Dainik Bhaskar Apr 02, 2019, 10:55 AM ISTआयुष्मान भारत योजना कार्ड होने के बाद भी पीड़ित को थमा दिया 54 हजार रुपए का बिलअस्पताल प्रबंधन ने कहा- इलाज में खर्च हुए पैसे देकर गए परिजनरांची. राज अस्पताल में सोमवार को मरीज की मौत के बाद प्रबंधन ने पैसे के लिए शव ले जाने से रोक लिया। जब बात नहीं बनी तो परिजनों ने चंदा इकट्‌ठा कर 44 हजार रुपए कर्ज लेकर रकम चुकाई। इसके बाद भी अस्पताल प्रबंधन का दिल नहीं पसीजा और 10 हजार कम होने की बात कहकर शव ले जाने से रोक दिया। परिजनों का आरोप था कि आयुष्मान भारत योजना का कार्ड होने के बाद भी 54 हजार का बिल वसूल किया गया है। मृतक का नाम अमर सिंह था। वे सिंह मोड़ में रहते थे। हटिया रेलवे कैंटीन में काम करते थे। उन्हें चक्कर आने की शिकायत थी।चंदा जुटाकर ले गए शवमृतक के साथ रहने वाले रमेश सिंह ने बताया कि रविवार की रात अमर का एमआरआई कराने के लिए राज अस्पताल लेकर आए थे। इस दौरान उन्हें हार्ट अटैक आया। अस्पताल में भर्ती किया और इलाज के दौरान मौत हो गई। अमर के पास आयुष्मान भारत का कार्ड भी था। मृतक के परिजन और आस-पास मौजूद लोगों से चंदा जुटाया, तब परिजन शव ले गए।अस्पताल ने कहा- पैसे का कोई विवाद नहींराज अस्पताल के प्रबंधक योगेश गंभीर ने कहा कि पैसे का कोई विवाद ही नहीं है। मरीज की मौत के बाद उनकी पत्नी ने कहा था कि रात में वे लोग शव नहीं ले जाएंगे। शव मॉर्चरी में रख लिया जाए। सुबह परिजन इलाज में खर्च हुए पैसे देकर शव ले गए। परिजनों ने कोई शिकायत नहीं की थी। ओपीडी में एमआरआई हुई, जो आयुष्मान में कवर नहीं है। आयुष्मान भारत या अन्य बीमा योजना के लिए अस्पताल में एक फाॅर्म भी भरवाया जाता है। मरीज के परिजनों से भरवाया गया, जिसमें वह किसी बीमा लाभ से आच्छादित नहीं है।


Source: Dainik Bhaskar April 02, 2019 05:26 UTC



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