2 /7 इसलिए कहते हैं इन्हें भारत का प्रथम गणेशलाड़ले त्रिनेत्र गणेशजी का यह मंदिर भारत के राजस्थान प्रांत में सवाई माधोपुर जिले में है। यह विश्व धरोहर में शामिल रणथंभोर दुर्ग के भीतर बना हुआ है। मंदिर को लेकर कहानी मिलती है कि भगवान राम ने लंका कूच करते समय इन्हीं गणेश का पूजन किया था। त्रेतायुग में यह प्रतिमा रणथंभोर में स्वयंभू रूप में स्थापित हुई और लुप्त हो गई। मंदिर को लेकर एक और मान्यता है कि द्वापर युग में भगवान कृष्ण का विवाह रुकमणी से हुआ था तब भगवान कृष्ण गलती से गणेशजी को बुलाना भूल गए जिससे भगवान गणेश नाराज हो गए थे। इसके बाद उन्होंने अपने मूषक को आदेश दिया की विशाल चूहों की सेना के साथ जाओ और कृष्ण के रथ के आगे की पूरी धरती में बिल खोद डालो। इस प्रकार भगवान कृष्ण का रथ धरती में धंस गया और आगे नहीं बढ़ पाये। मूषकों के बताने पर भगवान श्रीकृष्ण को अपनी गलती का अहसास हुआ और रणथंभोर स्थित जगह पर गणेश को लेने वापस आए, तब जाकर कृष्ण का विवाह संपन्न हुआ। तब से भगवान गणेश को विवाह और मांगलिक कार्यों में प्रथम आमंत्रित किया जाता है। यही कारण है कि रणथंभोर में स्थापित गणेशजी को भारत का प्रथम गणेश कहते है।आपको पता है आखिर क्यों बप्पा ने एक चूहे को बनाया अपना वाहन?
Source: Navbharat Times August 24, 2020 10:18 UTC