ये जिदगी है, कभी रुकती नहीं - News Summed Up

ये जिदगी है, कभी रुकती नहीं


कोरोना काल में 13 माह से प्रभावित है आगरा का पर्यटन उद्योग दूसरे काम शुरू कर रहे हैं पर्यटन से जुड़े लोगआगरा, जागरण संवाददाता। ये जिदगी है, कभी रुकती नहीं। कोरोना काल में आगरा का पर्यटन उद्योग 13 माह से बुरी तरह प्रभावित है। लोगों की आजीविका पर संकट के साथ ही परिवार का भरण-पोषण करने की चुनौती है। इस स्थिति में जहां कुछ लोग उम्मीद छोड़ रहे हैं तो कुछ ऐसे भी हैं जो जीजिविषा के साथ संघर्ष कर रहे हैं।आगरा में पर्यटन कारोबार मार्च, 2020 से प्रभावित है। 17 मार्च, 2020 को ताजमहल पर कोरोना संक्रमण ने ताला लगाया तो 188 दिनों के बाद 21 सितंबर को ही खुल सका। इस अवधि में ताजनगरी में पर्यटन कारोबार पूरी तरह ठप रहा। इसके बाद 207 दिन तक स्मारक खुले। विदेशी पर्यटकों का आना इंटरनेशनल फ्लाइट व टूरिस्ट वीजा सर्विस के अभाव में संभव नहीं हो सका। किसी तरह पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों की गाड़ी चल रही थी, लेकिन 16 अप्रैल से एक बार फिर स्मारकों पर ताला लग गया। इससे पांच लाख लोगों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से रोजी-रोटी उपलब्ध कराने वाला पर्यटन कारोबार पूरी तरह ठप हो चुका है। ऐसे माहौल में सूरज शर्मा, शकील चौहान, केके विमल जैसे लोग उम्मीद बंधाते हैं कि जिदगी में हार नहीं मानते हुए संघर्ष करना चाहिए। पर्यटन कारोबार : एक नजर-कोरोना काल से पूर्व पर्यटन कारोबार करीब पांच हजार करोड़ रुपये वार्षिक का था।-कोरोना काल में करीब चार हजार करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा है उद्योग को।-शहर में 500 छोटे-बड़े होटल, 100 से अधिक पेइंग गेस्ट हाउस और करीब 500 रेस्टोरेंट हैं।-कारोबार पर करीब पांच लाख लोग प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से आश्रित हैं।केस एकसूरज शर्मा टूरिस्ट गाइड हैं। पिछले वर्ष जब स्मारक बंद हुए तो उनके पास कोई काम नहीं रहा। ऐसे में उन्होंने सैनिटाइजर का काम शुरू किया। सूरज बताते हैं कि वह अलीगढ़ से सैनिटाइजर मंगाते हैं और उसकी बिक्री यहां करते हैं। खाली बैठने से बेहतर है कि कुछ काम किया जाए। केस दोशकील चौहान टूरिस्ट गाइड हैं। स्मारक बंद होने के बाद कोई काम नहीं होने पर उन्होंने रेस्टोरेंट व टिफिन सर्विस की शुरुआत की। शकील बताते हैं कोरोना काल में एक वर्ष से अधिक समय से पर्यटन कारोबार प्रभावित है। परिवार के भरण-पोषण को कुछ तो करना ही है। केस तीनफतेहाबाद रोड पर केके विमल दो दशक से अधिक समय से टी सेंटर का संचालन कर रहे थे। कोरोना काल से पूर्व उनके यहां भारतीय मसाले, चाय, हैंडीक्राफ्ट व किताबें मिलती थीं। कोरोना काल में पर्यटन ठप हुआ तो उन्होंने टी सेंटर को डेली नीड्स शाप में बदल दिया।शॉर्ट मे जानें सभी बड़ी खबरें और पायें ई-पेपर,ऑडियो न्यूज़,और अन्य सर्विस, डाउनलोड जागरण ऐप


Source: Dainik Jagran May 03, 2021 18:33 UTC



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