श्रीराम का मंदिर आधुनिकता का प्रतीक बनेगा, यानी अयोध्या का अर्थतंत्र बदलेगाश्रीराम का मंदिर हमारी संस्कृति का आधुनिक प्रतीक बनेगा। जानबूझकर आधुनिक शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। हमारी शाश्वत आत्मा और राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बनेगा। ये मंदिर करोड़ों लोगों की सामूहिक संकल्प शक्ति का प्रतीक रहेगा। आने वाली पीढ़ियों को आस्था, श्रद्धा और संकल्प की प्रेरणा यह मंदिर देता रहेगा। इस मंदिर के बनने के बाद अयोध्या की भव्यता ही नहीं बढ़ेगी, इस क्षेत्र का पूरा अर्थतंत्र ही बदल जाएगा। हर क्षेत्र में नए अवसर बनेंगे, हर क्षेत्र में अवसर बढ़ेंगे।4. भय बिनु होय ना प्रीति राम की नीति से दुनिया को भारत की नीति समझाईश्रीराम की नीति है भय बिनु होय ना प्रीति, इसलिए हमारा देश जितना ताकतवर होगा, उतनी ही प्रीति और शांति भी बनी रहेगी। राम की यही नीति और रीति सदियों से दुनिया का मार्गदर्शन करती रही है। गांधी ने इन्हीं के आधार पर राम राज्य का सपना देखा था। राम का जीवन और चरित्र ही गांधी के राम राज्य का रास्ता है।राम ने कहा है कि राम समय, स्थान और परिस्थितियों के हिसाब से बोलते हैं, सोचते हैं और करते भी हैं। वो हमें समय के साथ बढ़ना सिखाते हैं, चलना सिखाते हैं। राम परिवर्तन के पक्षधर हैं, आधुनिकता के पक्षधर हैं। उनकी इन्हीं प्रेरणाओं, आदर्शों के साथ भारत आज आगे बढ़ रहा है।8. होइहि सोइ जो राम रचि राखा, मोदी ने 31 साल पुरानी 9 शिलाओं से राम मंदिर की नींव रखी; 40 मिनट चला भूमि पूजन2. मोहन भागवत ने कहा- आज सदियों की आस पूरी होने का आनंद है, भारत को आत्मनिर्भर बनाने का अनुष्ठान पूरा हुआ3. मोदी रामलला के दर्शन करने वाले पहले प्रधानमंत्री बने, 2 बार साष्टांग प्रणाम किया; पहले हनुमान गढ़ी में भी पूजा की, अयोध्या राममय हुई
Source: Dainik Bhaskar August 05, 2020 08:11 UTC