नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सरकार ने कंपनी कानून 2013 में संशोधन की दिशा में कदम उठाते हुए एक विधेयक के मसौदे को मंजूरी दे दी है। यह विधेयक कानून का रूप लेने के बाद इसी साल जारी अध्यादेश की जगह लेगा। सरकार ने कंपनी कानून में संशोधन के लिए अध्यादेश जारी किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में इस विधेयक के मसौदे को मंजूरी दी गई।सरकार का कहना है कि प्रस्तावित संशोधनों से कारोबार की प्रक्रिया सरल बनाने और नेशनल कंपनी लॉ टिब्यूनल एंड स्पेशल कोर्ट में लंबित मुकदमों का बोझ कम होने का मार्ग प्रशस्त होगा। सरकार का फोकस इस कानून के उल्लंघन के गंभीर मामलों को निपटाने तथा कारपोरेट जगत द्वारा इसका अनुपालन सुचारू ढंग से सुनिश्चित करने पर रहेगा। इससे कानून का पालन करने वाली कंपनियों को फायदा होगा। साथ ही कंपनी कानून के तहत कारपोरेट गवर्नेस और अनुपालन फ्रेमवर्क की कमियों को दूर करने में मदद मिलेगी।एक अन्य फैसले में कैबिनेट ने 58 पुराने कानूनों को खत्म करने के लिए एक विधेयक के मसौदे को भी मंजूरी दी। ये कानून अप्रासंगिक हो चुके हैं। राजग सरकार अपने दो कार्यकालों में अब तक 1824 पुराने कानूनों को खत्म कर चुकी है। इसके अलावा कैबिनेट ने दिवालिया कानून इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड में सात संशोधनों को भी मंजूरी दे दी। इन संशोधनों के बाद कंपनियों की दिवालिया प्रक्रिया शीघ्र पूरी होने के आसार हैं।Posted By: Pawan Jayaswal
Source: Dainik Jagran July 18, 2019 04:41 UTC