ऐसा नहीं है कि मैं षड्यंत्र वाली थ्योरी में यकीन करता हूं कि चुनाव में धांधली हुई है, या EVM के साथ छेड़छाड़ की गई है. लेकिन बड़ा सवाल है - क्या राजनैतिक हिन्दू होना इतना बड़ा हो गया है कि वह अपनी आर्थिक पहचान को खो चुका है...? आज की सच्चाई यह है कि भारत, दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होने के बावजूद, अच्छी हालत में नहीं है. मैं यह मानने के लिए तैयार नहीं हूं कि नया राजनैतिक हिन्दू अपनी आर्थिक पहचान के प्रति इतना निर्लिप्त है कि रोज़मर्रा की तकलीफें उसके लिए कोई मायने नहीं रखतीं. उन्होंने नौकरियों का वादा किया था, देश का पुनरुद्धार करने का वादा किया था, उन्होंने चांद लाकर देने का वादा किया था.
Source: NDTV May 20, 2019 17:55 UTC