मानसून 100 किमी दूर: अगले 24 घंटे में कभी भी दस्तक दे सकता है; मानसून आने के 3 पैमानों में से एक पूरा - News Summed Up

मानसून 100 किमी दूर: अगले 24 घंटे में कभी भी दस्तक दे सकता है; मानसून आने के 3 पैमानों में से एक पूरा


Hindi NewsLocalDelhi ncrKerala Monsoon Forecast Latest Update | Southwest Monsoon To Hit Kerala In Next 24 HoursAds से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐपमानसून 100 किमी दूर: अगले 24 घंटे में कभी भी दस्तक दे सकता है; मानसून आने के 3 पैमानों में से एक पूरानई दिल्ली 35 मिनट पहले लेखक: अनिरुद्ध शर्माकॉपी लिंकदक्षिण-पश्चिम मानसून केरल-तमिलनाडु के बिल्कुल करीब पहुंच चुका है। मानसून की उत्तरी सीमा इस समय कोमोरिन सागर में तटों से करीब 100 किमी की दूरी पर है। अब इसके कभी भी दस्तक देने के आसार हैं। केवल मानकों के पूरा होने का इंतजार है।बीते कई दिनों से दक्षिण-पश्चिमी हवाएं चल रही हैं। बारिश, हवा और रेडिएशन के कई मानकों को पूरा करने पर मानसून के केरल पहुंचने की पुष्टि की जाती है। इनमें से बारिश का एक पैमाना शुक्रवार को पूरा हो गया है।मौसम विभाग के मुताबिक केरल, लक्षद्वीप और कर्नाटक के 14 मौसम केंद्रों में से 60% केंद्रों पर 10 मई के बाद अगर लगातार दो दिनों तक 2.5 मिमी या ज्यादा बारिश दर्ज की जाती है तो इसे मानसून के पहुंचने का प्रमुख आधार माना जाता है। यह आधार केरल और कर्नाटक के तटीय इलाकों और लक्षद्वीप में हो रही बारिश से पूरा हो चुका है। लेकिन हवा और रेडिएशन के मानकों पर लगातार निगरानी चल रही है।भारत के अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में मानसून ने 21 मई को दस्तक दे दी थी और उसके बाद सामान्य गति से लगातार पश्चिमोत्तर दिशा में बढ़ रहा है। केरल में मानसून के दस्तक देने की सामान्य तारीख एक जून है, लेकिन मौसम विभाग ने 31 मई को इसके आने का अनुमान लगाया था। वहीं, निजी मौसम एजेंसी स्काईमेट ने 30 मई को ही मानसून के दस्तक देने की भविष्यवाणी की थी।हवा और रेडिएशन के मानक क्या हैं? करीब 3 किमी की ऊंचाई तक पश्चिमी हवाएं चलने लगें और ऐसा 55 डिग्री देशांतर से 80 डिग्री देशांतर तक और इक्वेटर से 10 डिग्री अक्षांश के बीच हो।इसमें से 70 से 80 डिग्री देशांतर और 5 डिग्री अक्षांश से 10 डिग्री अक्षांश के बीच सतह पर हवा की गति 30-35 किमी प्रति घंटा हो।70 से 75 डिग्री देशांतर और 5 डिग्री से 10 डिग्री देशांतर के बीच बादल घिरे होने से ऊपर जाने वाली लॉन्ग वेव रेडिएशन 200 वाट प्रति वर्गमीटर से कम होना चाहिए।लगातार तीसरे साल अच्छी बारिश होगीइस बार मानसून सामान्य से बेहतर रहने का अनुमान है। स्काईमेट के मुताबिक भारत में इस साल जून से सितंबर के दौरान औसत बारिश 907 मिलीमीटर हो सकती है। पूरे भारत में चार महीनों के दौरान औसत 880.6 मिलीमीटर बारिश होती है, जिसे लॉन्ग पीरियड एवरेज (LPA) कहते हैं।स्काईमेट इसे ही औसत मानकर चलती है। यानी बारिश का यह आंकड़ा 100% माना जाता है। इस साल 907 मिलीमीटर बारिश होने की संभावना है। 2021 में मानसून के दौरान 103% बारिश होने की संभावना है। 96% से लेकर 104% की बारिश को सामान्य से बेहतर बारिश कहा जाता है। 2019 में यह आंकड़ा 110% और 2020 में 109% रहा था। यानी इस बार लगातार तीसरे साल अच्छे मानसून का फायदा मिलेगा।


Source: Dainik Bhaskar May 29, 2021 01:43 UTC



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