Hindi NewsLocalBiharJDU Spokesperson Neeraj Kumar Attacks On RJD And Lalu Prasad Yadav Over Women Empowermentमहिलाओं के बहाने RJD पर निशाना: JDU बोली- लालू यादव ने सिर्फ घर की महिलाओं को पद दिया; किचन से CM पद तक पहुंचाया, आम महिलाओं को नीतीश ने दी ताकतपटना 10 घंटे पहलेकॉपी लिंकनीरज कुमार, मुख्य प्रवक्ता, जदयू।जनता दल यूनाईटेड (JDU) ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) पर महिला सशक्तीकरण के बहाने निशाना साधा है। JDU के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है- 'पति-पत्नी के शासनकाल के 15 वर्षों में महिलाओं के लिए सामाजिक भागीदारी तो सुनिश्चित नहीं की, लोकतांत्रिक भागीदारी सुनिश्चित करने में भी असफल रही। आखिर क्यों?' उन्होंने कहा- 'भ्रष्टाचार के आरोप में जब लालू यादव को पद छोड़ना पड़ा, तब राज्य की बागडोर अनुभवहीन हाथों में सौंप दिया। मगर, अब भी पार्टी संगठन और सदन में महिलाओं को समुचित भागीदारी नहीं दी, आखिर क्यों? परिवार की महिलाओं को किचन से मुख्यमंत्री पद तक आसीन कर दिया, विधानसभा, विधान परिषद, राज्यसभा तक भेजा, लेकिन राज्य की आम महिलाओं के उत्थान के लिए कोई कार्य नहीं किया, आखिर क्यों?' JDU नेता ने कहा कि नीतीश कुमार ने सत्ता संभालते ही महिलाओं के आर्थिक-सामाजिक-राजनीतिक भागीदारी सुनिश्चित की। पंचायती राज का चुनाव लालू-राबड़ी सरकार में न्यायपालिका के हस्तक्षेप के बावजूद लंबित रहा। नीतीश कुमार ने न केवल चुनाव करवाया, बल्कि उसमें महिलाओं के लिए आरक्षण भी लागू किया। इसके अतिरिक्त बालिका शिक्षा पर किए गए कार्यों की बदौलत शैक्षणिक उत्थान के फलस्वरूप इन्हें अपने अधिकारों की समझ हुई। मतदान में शामिल होकर अपने अधिकार का बढ़-चढ़कर उपयोग करना शुरू किया। महिलाओं को सरकारी क्षेत्र की नौकरियों में भी आरक्षण दिया।JDU पार्टी में भी महिलाओं को सम्मान मिलाJDU प्रवक्ता ने कहा कि 15 वर्षों के अंतराल में ही बिहार की महिलाओं का इस ऊंचे स्तर तक रजनीतिकरण यूं ही नहीं हो गया था। बल्कि ये नीतीश कुमार की सोची समझी योजनाबद्ध नीति थी। सरकारी तंत्र के सहारे प्रदेश में लैंगिक लोकतंत्र स्थापित करने के लिए किए गए कार्यों के अलावा नीतीश कुमार के नेतृत्व में JDU ने पार्टी के भीतर भी लैंगिक लोकतंत्र स्थापित करने में सफलता पाई।2005 के चुनाव में भी निर्वाचित JDU के 55 विधायकों में से 9 महिला विधायक थी। 2010 में ये बढ़कर पार्टी के कुल निर्वाचित 115 में से 21 विधायक महिला ही थी। यानी पार्टी में महिला विधायकों का अनुपात हमेशा 15 से 20 % तक रहा। जबकि प्रदेश का औसत 10% के आसपास रहा, जो 2005 से पहले उससे भी कम था। आज भी JDU के 43 विधायकों में से 6 महिला विधायक हैं जो तकरीबन 15% है और बिहार कि सभी पार्टियों में से सर्वाधिक अनुपात है। वहीं, RJD के 75 विधायकों में से मात्र 7 महिला विधायक है यानी 10% से भी कम।चुनाव में महिलाओं की बढ़ी हिस्सेदारीनीरज कुमार ने आंकड़ों के सहारे बताया कि नीतीश कुमार के सत्ता में आने से पूर्व फरवरी 2005 में हुए चुनाव में महिलाओं का मतदान अनुपात मात्र 42.5% था। जबकि, पुरुषों का 50% प्रतिशत था। पांच वर्ष बाद 2010 के विधानसभा चुनाव में 54.85% महिला मतदाताओं ने मतदान किया। जबकि, पुरुषों का अनुपात मात्र 50.7% ही रहा। जबकि 9 जिलों में महिला मतदान का अनुपात 60% से भी अधिक रहा।2015 के चुनाव में महिलाओं का मतदान अनुपात बढ़कर 60.48% हो गया। जबकि, पुरुषों का मात्र 53.32% रहा। महिला और पुरुष मतदान के बीच यह अंतर पूरे हिंदुस्तान में बिहार का ही सर्वाधिक था।2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान सभी पार्टियों के कुल उम्मीदवारों का 10 % हिस्सा महिलाओं को दिया गया था, जबकि JDU ने लगभग 18% टिकट महिलाओं को दिया। RJD ने जो कुल 16 टिकट महिलाओं को दिया उसमें से आठ ऐसी महिला हैं जो राजनीतिक परिवार से आती है।
Source: Dainik Bhaskar July 20, 2021 08:35 UTC