मौर्या : इस गठबंधन का तोड़ हमारे पास है। नकली भतीजे और नकली बुआ के बीच जंग होगी। अखिलेश यादव वे व्यक्ति हैं, जिसने अपने पिता को पार्टी के अध्यक्ष की कुर्सी से हटा दिया। जिसने अपने पिता की आजमगढ़ सीट भी छीन ली। अपने सगे चाचा शिवपाल को दरकिनार कर दिया। जो बेटा अपने पिता का नहीं हुआ, जो भतीजा अपने चाचा का नहीं हुआ, वह नकली बुआ का क्या होगा? सवाल- प्रियंका गांधी के सक्रिय होने से क्या प्रभाव पड़ा है? मौर्या : हम फूलपुर, इलाहाबाद और कौशांबी में भी जीत रहे हैं। भदोही सीट भी जीत रहे हैं, जो प्रयागराज से जुड़ी हुई सीट है। हम 2019 में 2014 में मिली 73 सीट से ज्यादा सीटें जीत रहे हैं। हम बदायूं जीत रहे हैं। मैनपुरी में मुलायम सिंह यादव लड़ रहे हैं, वह सीट भी हम जीत रहे हैं। आजमगढ़ भी हम जीत रहे हैं। राहुल गांधी परिणाम आने से पहले ही विदा हो गए। रायबरेली में सोनिया जी हार रही हैं।सवाल- सपा-बसपा के गठबंधन का क्या तोड़ निकाला है? जो भाजपा का फूलपुर से प्रत्याशी है, वह बसपा से आया है। इसका क्या असर पड़ रहा है? मौर्या : दूसरे दल से बहुत सारे लोग आए हैं, वे अब भाजपा का ही हिस्सा हैं। 23 मई को आपको समाचार मिलेगा कि सपा-बसपा साफ हो गई।
Source: Dainik Bhaskar April 30, 2019 21:23 UTC