नई दिल्ली, प्रेट्र। मोंसेंटो को राहत देते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय की खंड पीठ के उस आदेश को रद कर दिया, जिसमें बीटी कॉटन बीज पर बोलगार्ड टेक्नोलॉजी के लिए अमेरिकी कंपनी मोंसेंटो टेक्नोलॉजी के पेटेंट अधिकार को मान्यता नहीं दी गई थी।सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय की एकल पीठ के उस आदेश को हालांकि बरकरार रखा, जिसमें पेटेंट का मसला तो विचाराधीन नहीं था, लेकिन बीटी कॉटन बीज पर नुजिवीदु सीड्स लिमिटेड द्वारा ट्रेडमार्क उल्लंघन किए जाने के मोंसेंटों के दावे पर फैसला दिया गया था।मोंसेंटो की याचिका पर फैसला देते हुए न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन और नवीन सिन्हा की पीठ ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय की खंड पीठ के आदेश को खारिज किया जाता है। 28 मार्च 2017 को दिए गए एकल पीठ के आदेश को बहाल किया जाता है और इस मामले का कानून के मुताबिक निस्तारण किए जाने के लिए इसे फिर से एकल पीठ के पास भेजा जाता है।मोंसेंटों ने नुजिवीदु सीड्स और अन्य किसान संगठनों को बोलगार्ड और बोलगार्ड-2 ब्रांड की कॉटन टेक्नोलॉजी का उपयोग करने से रोकने के लिए सख्त निर्देश दिए जाने की मांग की थी।बहुराष्ट्रीय बीज कंपनियों ने फैसले का किया स्वागतबहुराष्ट्रीय बीज कंपनियों के संगठन फेडरेशन ऑफ सीड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एफएसआइआइ) और अलायंस फॉर एग्री इनोवेशन (एएआइ) ने अदालत के फैसले का स्वागत किया। एफएसआइआइ के चेयरमैन एम रामासामी ने कहा कि फैसला किसानों और टेक्नोलॉजी के हित में है।एएआइ के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर शिवेंद्र बजाज ने कहा कि इससे नीतिगत माहौल में निश्चितता आएगी। नेशनल सीड्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट एम प्रभाकर राव ने हालांकि कहा कि मामले में अभी कोई फैसला नहीं हुआ है और इसे फिर से एकल पीठ के पास भेजा गया है। हमारी जीत नहीं हुई, लेकिन हमारी हार भी नहीं हुई है।उधर, स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्वनी महाजन ने कहा कि इन कंपनियों को पेटेंट राशि वसूलने से रोकने के लिए सरकार को कानून में संशोधन करना चाहिए।Posted By: Arun Kumar Singh
Source: Dainik Jagran January 08, 2019 17:15 UTC