7 डाॅक्टरों की टीम ने मुजफ्फरपुर के प्रभावित इलाकों का दौरा कर रिपोर्ट बनाईएसबेस्टस की छत के नीचे रहने वाले ज्यादातर बच्चे उमस भरी गर्मी की चपेट में आने के बाद बीमार पड़ेबच्चे उमस भरी गर्मी की चपेट में आने के बाद बीमार पड़े बिहार में चमकी बुखार या इंसेफेलाइटिस से एक महीने में 178 से ज्यादा बच्चों की मौतDainik Bhaskar Jun 29, 2019, 10:07 PM ISTमुजफ्फरपुर (बिहार). मुजफ्फरपुर समेत बिहार में चमकी बुखार यानी एक्यूट इंसेफेलाइटिस से मरने वाले बच्चों का आंकड़ा 178 से ज्यादा हो गया है, लेकिन विशेषज्ञ इसे अज्ञात बीमारी के तौर पर देख रहे हैं। लगातार हो रही बच्चाें की माैत के पीछे डॉक्टरों ने कुपोषण और जागरूकता की कमी के अलावा घरों में एसबेस्टस (सीमेंट से बनी) की छत को भी एक बड़ा कारण बताया है। एसबेस्टस की छत के नीचे रहने वाले अधिकतर बच्चे उमस भरी गर्मी की चपेट में आने के बाद बीमारी से पीड़ित हुए।प्राेग्रेसिव मेडिकाे एंड साइंटिफिक फाेरम के अध्ययन के मुताबिक, दिल्ली एम्स और पटना के सात डाॅक्टराें की टीम ने मुजफ्फरपुर जिले के कई गांवाें का भ्रमण कर माैतों की एक वजह एसबेस्टस की छत काे भी बताया है। टीम ने बताया कि प्रभावित बच्चाें के घर की छत एसबेस्टस की हैं, जिससे ज्यादा उमस हाेती है। माैत के कारणाें काे लेकर इस पर भी रिसर्च किया जाना है। टीम में डॉ. प्रिंस सागर शामिल थे।एसकेएमसीएच की इमरजेंसी में महज चार डॉक्टरडाॅक्टराें की टीम ने यह भी बताया कि श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) की इमरजेंसी में 500 पीड़ित बच्चे राेज आते हैं। लेकिन, वहां महज 4 डाॅक्टर और 3 नर्स किसी तरह काम कर रहे हैं। मेडिकल से लेकर पीएचसी तक डाॅक्टर से लेकर स्वास्थ्य संसाधनाें की कमी है। एम्स के डाॅक्टर डाॅ. हरजीत सिंह भट्टी ने जानकारी दी कि मुशहरी, मणिका, खाेरपट्टी विशुनपुर चांद गांव में मृत बच्चाें के माता-पिता से बात की। इनके पास राशन कार्ड नहीं है। ज्यादातर बच्चे कुपाेषित थे।जेई वैक्सीन से वंचित मिले ज्यादातर बच्चेडाॅ. भट्टी ने बताया कि आशा और आंगनबाड़ी सेविकाएं काम कर रही हैं। लाेगाें काे स्थानीय स्वास्थ्य प्रणाली पर विश्वास नहीं है। टीकाकरण की भी खराब स्थिति है। अधिकांश क्षेत्राें में जेई वैक्सीन से बच्चे वंचित हैं। यह भी बताया कि अधिकतर बच्चाें में रात से सुबह के बीच बीमारी के लक्षण दिखाई देते हैं।
Source: Dainik Bhaskar June 29, 2019 16:30 UTC