बिल्‍ली और मुर्गी की रस्‍साकशी को देखकर हुआ इस मशीन का आविष्‍कार - News Summed Up

बिल्‍ली और मुर्गी की रस्‍साकशी को देखकर हुआ इस मशीन का आविष्‍कार


1765 में अमेरिका के किसान परिवार में जन्मे एली ह्वीटनी की मां का बचपन में निधन हो गया। सौतेली मां के विरोध के कारण कालेज की पढ़ाई में बाधा आई। पढ़ाई पूरी करके एली कृषि कार्य में लग गए। उस समय अमेरिका में रुई का उत्पादन किसानों की आय का मुख्य स्रोत था। इसका उत्पादन सरल था, लेकिन रुई से उसके दानों को अलग करना जटिल काम था। इसके चलते एक मजदूर दिन‌ भर में मुश्किल से आधा किलो रुई ही साफ कर पाता था। मजदूरी देने के बाद किसानों के पास कुछ खास बचता ही नहीं था। एली के सामने भी यही समस्या आई।बहन सुभद्रा को नगर भ्रमण पर ले जाते हैं भगवान जगन्‍नाथ, जानिए रथयात्रा का इतिहासएक दिन उन्होंने एक बिल्ली को तारों की बाड़ से मुर्गी को बाहर खींचते हुए देखा। मुर्गी के पंख बाहर आ जाते थे, लेकिन शरीर का वांछित भाग अटकता था। इस घटना ने एली को कुछ नया सोचने पर विवश कर दिया। अथक प्रयास के बाद वे एक ऐसी मशीन बनाने में सफल हुए, जिसकी मदद से एक दिन में एक व्यक्ति 25 किलो रुई साफ कर सकता था। मशीन का नाम कॉटन गीन रखा। अद्भुत कार्यक्षमता के कारण मशीन की मांग बढ़ गई। एली ने सन 1794 में इस आविष्कार को पेटेंट कराया। इस मशीन के कारण अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा रुई निर्यातक देश बन गया।किस उम्र में होगा प्यार और कब मिलेगा जीवनसाथी जानें अपनी राशि सेमशीन ने अमेरिका को आर्थिक संवृद्धि तो दे दी, लेकिन अन्वेषक को निराशा मिली। पेटेंट कानूनों के बावजूद वितरकों ने एली को उनका हिस्सा देने से इंकार कर दिया। उन लोगों ने मशीन की नकल करके डुप्लीकेट कॉटन गीन बना लिए। कानूनी कार्रवाई में एली का समय और धन तो बर्बाद हुआ, लेकिन हासिल कुछ खास नहीं हुआ। इस घटना से एली बहुत दुखी हुए, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। फिर वे अमेरिकी सरकार के लिए तरह-तरह के उपरकण बनाने लगे, जिसके चलते एली ह्वीटनी ‘अमेरिकी तकनीक के जनक’ कहलाए।संकलन : हरिप्रसाद राय


Source: Navbharat Times June 23, 2020 06:22 UTC



Loading...
Loading...
  

Loading...

                           
/* -------------------------- overlay advertisemnt -------------------------- */