देवांग्शु दत्ता Jul 01, 2019, 09:19 AM IST Jul 01, 2019, 09:19 AM ISTअमेरिका-चीन के बीच तनाव बाजार के सेंटिमेंट को प्रभावित करते रहेंगे। व्यापार के मोर्चे पर कुछ अच्छी खबरें मिल सकती हैं। अमेरिका-चीन एक बार फिर व्यापारिक बातचीत शुरू कर चुके हें। डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिकी कंपनियों द्वारा दुनिया की सबसे बड़ी चीन की टेलीकॉम नेटवर्क कंपनी हुवावे को कंपोनेंट्स बेचने की अनुमति देने पर राजी हो गए हैं। ओसाका में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच मुलाकात हुई है। घरेलू बाजार में ज्यादातर निवेशकों की निगाह लोकसभा में शुक्रवार को पेश होने वाले आम बजट पर टिक गई हैं।अमेरिका-भारत के वाणिज्य मंत्रियों की द्विपक्षीय बैठक जल्द होगीट्रम्प-मोदी की मुलाकात के बाद दोनों के देशों के वाणिज्य मंत्रियों के बीच जल्द बैठक होगी। इसमें ईरान, 5जी कम्युनिकेशन नेटवर्क, द्विपक्षीय संबंध और रक्षा समझौते चार प्रमुख मुद्दे होंगे। 5जी पर बातचीत भारत के हित वाली है क्योंकि देश जल्द ही 5जी सेवा का ट्रायल शुरू करने वाला है।चालू खाते का घाटा जीडीपी के 2.1% तक पहुंचा2018-19 में भारत का चालू खाते का घाटा बढ़कर जीडीपी के 2.1% के बराबर रहा। यह 2017-18 में जीडीपी के 1.8% के बराबर रहा था। इसकी मुख्य वजह व्यापार घाटा बढ़ना रही। यह 2018-19 में बढ़कर 12.4 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया। यह इससे पिछले साल 11.03 लाख करोड़ रुपए था। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार अच्छी स्थिति में है। यह 21 जून का खत्म हुए हफ्ते में रिकॉर्ड 426.42 अरब डॉलर रहा। वर्ष 2018-19 में 2.11 लाख करोड़ रुपए का नेट एफडीआई भारत में आया। पिछले साल 44,126 करोड़ रुपए का नेट एफडीआई भारत आया था।एलएंडटी ने माइंडट्री के नए सीईओ की तलाश शुरू कीलार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) ने माइंडट्री में नियंत्रक हिस्सेदारी हासिल कर ली है। अब कंपनी ने बेंगलुरू की इस आईटी कंपनी का अगली सीईओ को तलाशने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस दौड़ में कॉग्निजेंट के पूर्व प्रेसिडेंट राजीव मेहता का नाम आगे चल रहा है। समझा जाता है कि एलएंडटी ने बिड़लासॉफ्ट के पूर्व सीईओ अंजाम लाहिड़ी से भी संपर्क किया है जो माइंडट्री के सह-संस्थापक और कंपनी के पूर्व सीईओ हैं। एलएंडटी द्वारा माइंडट्री के लिए लाया गया ओपन ऑफर शुक्रवार को बंद हो गया। इसमें कंपनी को पेशकश के मुकाबले 1.16 गुना शेयरों के लिए बोलियां मिलीं।डेट म्यूचुअल फंडों के लिए निवेश के नए नियम जारीपूंजी बाजार नियामक सेबी ने डेट म्यूचुअल फंडों के लिए निवेश के नए नियम जारी किए हैं। इससे कंपनियां अपनी शॉर्ट टर्म वाले धन को म्यूचुअल फंडों से निकालकर बैंकों में कम ब्याज दर पर या फिर जोखिम वाली एसेट में निवेश करनी पड़ सकती है। एक डेट स्कीम किसी एक क्षेत्र में अपनी एसेट्स का 25% के बजाय सिर्फ 20% ही निवेश कर सकेंगी। अब लिक्विड फंड अपने कुल एसेट का 20% हिस्सा नकदी विकल्पों (शॉर्ट टर्म की सरकारी प्रतिभूतियों, ट्रेजरी बिल) में रखना जरूरी होगा ताकि अचानक रेडम्पशन का दबाव आने पर वह इससे निपट सकें।देवांग्शु दत्ता, कंट्रीब्यूटिंग एडिटर, बिजनेस स्टैंडर्ड
Source: Dainik Bhaskar July 01, 2019 03:45 UTC