प्रेरक प्रसंग / जो लोग दूसरों के धन पर बुरी नजर रखते हैं, वे कभी भी सुखी नहीं रह पाते हैं - News Summed Up

प्रेरक प्रसंग / जो लोग दूसरों के धन पर बुरी नजर रखते हैं, वे कभी भी सुखी नहीं रह पाते हैं


Dainik Bhaskar May 09, 2019, 05:53 PM ISTसंत को स्वर्ण मुद्रा मिली तो उन्होंने सोचा कि ये किसी गरीब को दूंगा, बाद में ये मुद्रा राजा को दे दीजीवन मंत्र डेस्क। पुरानी लोक कथा के अनुसार एक संत एक गांव से दूसरे गांव घूमते रहते थे, कहीं भी ज्यादा दिनों तक रुकते नहीं थे। संत प्रवचन के माध्यम से लोगों को जीवन सुखी बनाने के सूत्र बताया करते थे। एक दिन उन्हें रास्ते में स्वर्ण मुद्रा मिली। संत ने मुद्रा उठाई और सोचा कि इसे सबसे गरीब व्यक्ति को देना चाहिए।> संत कई दिनों तक ऐसे इंसान की तलाश करते रहे, जो बहुत गरीब हो, लेकिन उन्हें ऐसा व्यक्ति नजर नहीं आया। इस तरह कुछ समय और बीत गया। एक दिन संत ने देखा कि राजा अपनी सेना के साथ पड़ोसी राज्य पर हमला करने जा रहा है। संत ने सोने का सिक्का निकाला और राजा को दे दिया।> राजा को बहुत आश्चर्य हुआ कि एक संत उन्हें स्वर्ण मुद्रा क्यों दे रहे हैं? राजा ने संत से इसकी वजह पूछी।> संत ने जवाब दिया कि राजन् कुछ समय पहले मुझे ये सिक्का रास्ते में मिला था, तब मैंने सोचा था कि ये सबसे गरीब इंसान को दूंगा। आज मुझे आपके रूप में सबसे गरीब इंसान मिल गया है।> ये सुनकर राजा हैरान हो गया। उसने संत से कहा कि ये आप क्या कह रहे हैं, मैं इस राज्य का राजा हूं, मेरे पास धन-संपत्ति की कोई कमी नहीं है।> संत बोले कि राजन् जो इंसान इतना धन होने के बाद भी दूसरे राज्य पर हमला करने जा रहा है, उसका धन लूटने जा रहा है, उसे हम गरीब नहीं कहेंगे तो और क्या कहेंगे। राजा को संत की बात समझ आ गई। उसने संत को प्रणाम किया और अपनी सेना के साथ पुन: अपने राज्य में लौट गया।कथा की सीखइस कथा की सीख यह है कि कभी दूसरों के धन पर नजर नहीं रखनी चाहिए। जो लोग इस बात का ध्यान नहीं रखते हैं, वे कभी भी सुखी नहीं रह पाते हैं। हमेशा अपनी मेहनत से कमाए गए धन में ही संतोष करना चाहिए। संतोषी व्यक्ति ही सबसे सुखी रहता है।


Source: Dainik Bhaskar May 09, 2019 12:11 UTC



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