हो सकता है कि प्रियंका को इसका इल्म न हो. प्रियंका ने शहाब जाफरी का एक शेर पढ़ा कि-''तू इधर-उधर की न बात करये बता कि काफिला क्यों लुटा? प्रियंका के इस शेर का मतलब है कि पीएम मोदी जो रास्ता दिखाने वाले रहबर के रोल में थे, उन्होंने रहजनों से मिल देश का काफिला लुटवा दिया. कविता का प्रसंग ये है कि महाभारत के समय भगवान कृष्ण जब कौरवों को समझाने जाते हैं कि युद्ध न करें तो वे दुर्योधन से भगवान कृष्ण को बांध लेने को कहते हैं. हालांकि दिनकर की इस कविता की दो पंक्तियां जो भारतीय राजनीति में बहुत इस्तेमाल होती है, वह है...''याचना नहीं अब रण होगा,जीवन जय या कि मरण होगा''प्रियंका ने प्रतापगढ़ की रैली में विकास के वादों को झूठा बताने के लिए मशहूर जनवादी कवि आदम गोंडवी की एक कविता की ये पंक्तियां भी इस्तेमाल की.
Source: NDTV May 09, 2019 20:48 UTC