प्रस्तावित नई शिक्षा नीति पर देश भर से आए सुझावों पर मंथन करने फिर बैठेगी कमेटीजागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रस्तावित नई शिक्षा नीति के सुझावों को लेकर सरकार जल्द ही नीति तैयार करने वाली कस्तूरीरंगन कमेटी की फिर बैठक बुलाने की तैयारी में है। जिसमें नीति को लेकर मिले सभी सुझावों को एक-एक करके परखा जाएगा। हालांकि इनमें तेजी 31 जुलाई को नीति पर मांगे गए सुझावों की अंतिम समयसीमा खत्म के बाद ही दिखाई देगी।प्रस्तावित नई शिक्षा नीति तैयार करने वाली यह कमेटी हालांकि 30 मई को मानव संसाधन विकास मंत्री को नीति को सौंपने के बाद अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो चुकी है। बावजूद इसके सरकार का मानना है कि कमेटी ही इन सुझावों को बेहतर तरीके से परख सकती है। यही वजह है कि नीति से जुड़े सदस्यों से फिर से संपर्क साधा जा रहा है।इसरो के पूर्व प्रमुख और वरिष्ठ वैज्ञानिक कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली इस कमेटी हिंदी की अनिवार्यता को खत्म करने को लेकर नाखुशी भी जता चुकी है। माना जा रहा है कि बैठक में यह मुद्दा फिर से प्रमुखता से उठ सकता है।वहीं नीति को लेकर सुझावों के मिलने का क्रम जारी है। अब तक इसे लेकर करीब 80 हजार सुझाव मिल चुके है, जबकि अंतिम दिनों में इसके बड़े पैमाने पर आने की उम्मीद की जा रही है।पिछले दिनों राज्यसभा में भी प्रस्तावित नई शिक्षा नीति का मुद्दा उठा था, जिस पर मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने जानकारी दी थी, कि अब तक 60 हजार से ज्यादा सुझाव मिल चुके है। इसके बाद सरकार ने ज्यादा से ज्यादा सुझावों को लेकर देश भर में एक अभियान भी चला रखा है। जिसमें सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में जागरूकता शिविर आयोजित किए जा रहे है। जिसमें नीति तैयार करने वाले सदस्यों को खास तौर से बुलाया कर चर्चा कराई जा रही है।अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एपPosted By: Bhupendra Singh
Source: Dainik Jagran July 28, 2019 17:48 UTC