प्रधानमंत्री मोदी इस आधार पर भाषण की शुरूआत करते हैं कि जनता को सिर्फ वही याद रहेगा जो वह उनसे सुनेगी. लोकसभा में राष्ट्रपति शासन को लेकर खुद को महानैतिक बताते हुए उन्हें यह भी याद दिलाना चाहिए था कि मार्च 2016 में उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन क्यों लगा. उत्तराखंड ने अपने फैसले में कहा था कि राष्ट्रपति शासन का फैसला कोई राजा का फैसला नहीं है जिसकी समीक्षा नहीं हो सकती है. मगर प्रधानमंत्री को भरोसा है कि लोग ये सब भूल चुके होंगे और वे जो कहेंगे अब उसे ही सत्य मान लेंगे. बकायदा सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार के धारा 356 के ग़लत इस्तमाल करने पर सख़्त टिप्पणी की है.
Source: NDTV February 08, 2019 08:37 UTC