जनरल नरवणे ने मंगलवार को कहा था- आतंकियों के सफाए और नेटवर्क के खात्मे से पाकिस्तान के प्रॉक्सी वार डिजाइन को नुकसानउनके इस बयान पर पाकिस्तान ने कहा- हमारी सेना पीओके या सीमा के अंदर किसी भी तरह के हमले का मुहंतोड़ जवाब देने में सक्षमजनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने 31 दिसंबर को भारतीय सेना के 28वें सेना प्रमुख का कार्यभार संभालाDainik Bhaskar Jan 02, 2020, 02:47 PM ISTइस्लामाबाद. पाकिस्तान ने बुधवार को भारत के नए सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे के ‘आतंक की जड़ पर हमले’ वाले बयान पर प्रतिक्रिया दी। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने जनरल नरवणे के बयान को गैर-जिम्मेदराना बताते हुए कहा कि हमारी सेना पीओके में भारत के किसी भी आक्रामक कदम का माकूल जवाब देगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शाह फैसल ने कहा कि भारत की यह धमकियां कश्मीर से किसी का ध्यान नहीं भटका सकतीं। हम आगे भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर कश्मीर का मुद्दा उठाना जारी रखेंगे।क्या कहा था जनरल नरवणे ने? सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने मंगलवार को कहा कि अगर पाकिस्तान ने प्रायोजित आतंकवाद बंद नहीं किया, तो हम पहले ही खतरे की जड़ पर वार करेंगे और यह हमारा अधिकार है। सेना प्रमुख ने कहा कि इस बारे में हमने अपने इरादे सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट ऑपरेशन के दौरान ही जाहिर कर दिए थे। उन्होंने कहा कि हमारे पास प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई के लिए विकसित रणनीति है।‘पाकिस्तानी सेना की हर कोशिश नाकाम साबित हुई'नरवणे ने कहा था कि प्रायोजित आतंकवाद से हमारा ध्यान भटकाने की पाकिस्तान की सेना की हर कोशिश विफल साबित हुई है। आतंकवादियों के सफाए और आतंकी नेटवर्क के खात्मे से पाकिस्तान के प्रॉक्सी वार के ढांचे को काफी नुकसान पहुंचा है। आतंकवाद के खिलाफ हमारी जीरो टॉलरेंस की नीति जारी रहेगी।हमले के डर से 5 महीने में यूएन को 7 पत्र लिख चुका पाकिस्तानपाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएसी) को पिछले पांच महीने में 7 पत्र लिख चुके हैं। महमूद ने इसमें दावा किया था कि भारत ने एलओसी पर मिसाइलों का परीक्षण और उनकी तैनाती की है। उन्होंने आशंका जताई थी कि भारत कभी भी कश्मीर मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए पाकिस्तान पर हमला कर सकता है।अब तक पाक को सिर्फ चीन से समर्थन मिलाजम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद अब तक सिर्फ चीन ने ही पाक का समर्थन किया है। यूएन में बंद कमरे में कश्मीर समस्या पर बहस कराने के लिए चीन ने ही पाक का साथ दिया था। हालांकि, उसकी कोशिशें असफल रहीं। 57 देशों के इस्लामिक कोऑपरेशन आर्गनाइजेशन (आईओसी) ने भी पाक का साथ नहीं दिया।
Source: Dainik Bhaskar January 02, 2020 03:45 UTC