जागरण संवाददाता, जम्मू : आसमान से बरस रहे अंगारों के बीच शहर में बढ़ती बिजली कटौती और उससे प्रभावित हो रही पानी की सप्लाई ने जीना मुहाल कर दिया है। शहर के अधिकांश इलाकों में बिजली की घोषित-अघोषित कटौती से हर तरफ हाहाकार मचने लगा है। जिन क्षेत्रों में शत-प्रतिशत मीटर लग चुके हैं, उन क्षेत्रों में भी दिन भर बिजली की आंख-मिचौली जारी है। घर से बाहर सूर्य देव आग बरसा रहे हैं तो भीतर बिजली न होने से लोगों के पसीने छूट रहे हैं। घरों व दुकानों पर लगे इनवर्टर जवाब देना शुरू हो गए हैं और कम वोल्टेज के चलते एयर कंडीशनरों का दम फूल रहा है। इस पर पानी की सप्लाई नियमित न होने से चौतरफा जीना मुहाल हो गया है।शनिवार को भी जम्मू में दिन का अधिकतम तापमान 41 डिग्री सेल्सियस के पार रहा। इस प्रचंड गर्मी के बीच सुबह से ही बिजली कटौती का सिलसिला शुरू हो गया था। पुराने शहर के अधिकांश इलाकों, उधर जम्मू पश्चिम के जानीपुर, सरवाल, बख्शी नगर, रिहाड़ी, न्यू रिहाड़ी से लेकर जम्मू साउथ के पाश इलाकों में भी दिनभर बिजली की आंख-मिचौली जारी रही। गर्मियों के दिनों में जम्मू में एक दिन में बिजली की मांग 1100 से 1200 मेगावाट रहती है, वहीं शाम छह बजे से 12 बजे के बीच यह मांग 1500 मेगावाट पहुंच जाती है। इस समय जम्मू के हिस्से करीब 1200 मेगावाट बिजली आ रही है। शाम के समय पीक ऑवर में 300 से 400 मेगावाट बिजली का शार्टफाल है। इस कमी को पूरा करने के लिए कटौती का सहारा लिया जा रहा है। पानी की मांग पूरी करने के लिए टैंकरों का सहाराजम्मू : शहर व आसपास के इलाकों में बिजली की कटौती के चलते पानी की सप्लाई भी बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। जिन क्षेत्रों में रोजाना पानी की सप्लाई होती थी, वहां दूसरे-तीसरे दिन सप्लाई जा रही है और जहां हफ्ते में दो बार सप्लाई होती थी, वहां हफ्ते में एक बार। ऐसे में पीने के पानी के लिए त्राहि-त्राहि कर रहे लोगों की प्यास बुझाने के लिए पीएचई विभाग ने टैंकर सप्लाई का सहारा लिया। टैंकर सप्लाई से गली-मुहल्लों व कॉलोनियों में पीने का पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है। शनिवार को भी विभाग ने 95 टैंकरों से शहर के विभिन्न इलाकों में पानी की सप्लाई की। इसमें सबसे अधिक टैंकर सप्लाई जानीपुर, बनतालाब व जम्मू पश्चिम के अन्य इलाकों में हुई। 47 मिलियन गैलन पहुंची मांगजम्मू : जम्मू शहर में पानी की मांग बढ़कर 47 मिलियन गैलन डेली तक पहुंच चुकी है, जबकि उपलब्धता 42.5 मिलियन गैलन प्रतिदिन ही है। इसके अलावा पानी की आपूर्ति का पूरा सिस्टम बिजली पर निर्भर करता है। पीएचई विभाग के चीफ इंजीनियर विनोद गुप्ता के अनुसार बिजली की सप्लाई सुचारु रहे तो ही पीएचई विभाग पंपिग के माध्यम से पेयजल की आपूर्ति कर पाने में सक्षम है। बिजली कटौती बढ़ने से पेयजल आपूर्ति पर भी असर पड़ने लगा है। गुप्ता का कहना है कि उनके पास सप्लाई के लिए पर्याप्त पानी तो है, लेकिन बिजली कटौती सप्लाई में बाधा बन रही है। निरंतर बढ़ रहा तापमान खतरे का सूचक साबित हो रहा है। डिवकॉम ने की समीक्षाजम्मू : शहर में बिजली-पानी की बढ़ती किल्लत से लोगों को हो रही परेशानी का संज्ञान लेते हुए जम्मू के डिवीजनल कमिश्नर संजीव वर्मा ने शनिवार को पीएचई व पीडीडी विभाग के चीफ इंजीनियर्स व अन्य इंजीनियर्स के साथ बैठक की। बैठक में उन्होंने शहर में बिजली-पानी की मौजूदा स्थिति का जायजा लिया। वर्मा ने कठुआ, सांबा, जम्मू, राजौरी, पुंछ, डोडा व ऊधमपुर के डिप्टी कमिश्नर के साथ वीडियो कांफ्रेंस कर इन जिलों में बिजली-पानी के हालात का जायजा लिया। अधिकतर डिप्टी कमिश्नर व पीएचई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बढ़ती गर्मी के साथ बिजली संकट गहरा रहा है। लो-वोल्टेज व कटौती के कारण पानी की सप्लाई भी प्रभावित हो रही है। डिवीजनल कमिश्नर ने पानी की आपूर्ति करने के लिए टैंकर सप्लाई का सहारा लेने का निर्देश दिया तो वहीं बिजली पूर्ति करने के लिए प्रबंधन विभाग से संपर्क करने की सलाह दी। वर्मा ने इस मौके पर डिप्टी कमिश्नर्स को फीडर के आधार पर हो रही बिजली कटौती का डाटा एकत्रित करने के लिए कमेटी गठित करने व क्यूआरटी का गठन करने का निर्देश भी दिया।लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एपPosted By: Jagran
Source: Dainik Jagran June 02, 2019 02:15 UTC