नई दिल्ली, एजेंसी। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को 8 अगस्त को सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी एक बयान में इसकी घोषणा की गई है। 13 वें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के अलावा यह पुरस्कार मरणोपरांत सामाजिक कार्यकर्ता नानाजी देशमुख और असम प्रख्यात गायक भूपेन हजारिका को दिया जाएगा। तीनों को जनवरी 2019 में इस सम्मान के लिए चुना गया था।इस स्म्मान के घोषणा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रणब मुखर्जी को बधाई दी थी। उन्होंने ट्वीट कर कहा 'प्रणब दा हमारे समय के एक उत्कृष्ट राजनेता हैं। उन्होंने दशकों तक देश की निस्वार्थ और अथक सेवा की है और देश के विकास पथ पर एक मजबूत छाप छोड़ा है। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि प्रणब दा को भारत रत्न से सम्मानित किया गया।'इस दौरान मुखर्जी को राहुल गांधी ने भी बधाई दी थी। उन्होंने कहा, 'प्रणब दा को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने पर बधाई! कांग्रेस पार्टी को इस बात पर बहुत गर्व है कि हमारे स्वयं के लोगों की सार्वजनिक सेवा और राष्ट्र-निर्माण में अपार योगदान को मान्यता मिली है और सम्मानित किया गया है।'सर्वोच्च नागरिक सम्मान से अब तक 45 हस्तियों को भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका है। 25 जनवरी 2019 के की गई घोषणा के बाद यह संख्या 48 हो गई है। अंतिम बार यह सम्मान साल 2015 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पंडित मदन मोहन मालवीय (मरणोपरांत) को दिया गया था।जनसंघ से जुड़े थे नानाजी देशमुखनानाजी देशमुख पूर्व में भारतीय जनसंघ से जुड़े थे। 1977 में जब जनता पार्टी की सरकार बनी, तब उन्होंने मंत्री बनने से इन्कार कर दिया था। वह जीवनभर दीनदयाल शोध संस्थान के लिए कार्य करते रहे। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने उन्हें राज्यसभा का सदस्य मनोनीत किया था। वाजपेयी सरकार ने उन्हें पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया था।असम समेत पूर्वोत्तर में पूजे जाते हैं हजारिकाभूपेन हजारिका को पूर्वोत्तर और खासकर गृह प्रदेश असम में प्रचंड समर्थन है। लोगों के दिलों में उनके लिए इतनी श्रद्धा है कि असम की राजधानी गुवाहाटी में उनकी याद में मंदिर भी है। ऐसे में चाहे-अनचाहे हजारिका के सम्मान को भी राजनीतिक आईने से देखा जाएगा। हजारिका ने असमिया के साथ-साथ हिंदी, बांग्ला समेत कई अन्य भाषाओं में भी गाने गाए।अब तक 12 लोगों को मिला मरणोपरांतशुरुआत में इस सम्मान को मरणोपरांत देने का प्रावधान नहीं था, लेकिन बाद में साल 1955 में यह प्रावधान जोड़ा गया। जिसके बाद मरणोपरांत भी भारत रत्न देने का रास्ता खुला। अब तक 12 लोगों को यह सम्मान मरणोपरांत प्रदान किया गया है। हालांकि, सुभाषचन्द्र बोस को घोषित सम्मान वापस लिए जाने के उपरांत मरणोपरांत सम्मान पाने वालों की संख्या 11 मानी जा सकती है।अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एपPosted By: Tanisk
Source: Dainik Jagran July 28, 2019 14:58 UTC