जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली : नरेला दोहरे हत्याकांड मामले में पुलिस के हाथ कुछ सुराग लगे हैं, जिसके आधार पर हमलावरों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है। फिलहाल पुलिस मानकर चल रही है कि पिटाई का बदला लेने के लिए ही आरोपितों ने घटना को अंजाम दिया। पुलिस अधिकारी के अनुसार, मामले में नाजिम और उसके साथियों के हाथ होने की बात सामने आई है। दरअसल, मृतक शाहबाज के भाई जाकिर ने नाजिम को बुरी तरह से पीट दिया था। फिलहाल जाकिर इन दिनों मेरठ जेल में बंद है। पुलिस इसी घटना को हत्याकांड की वजह बता रही है। हालांकि इस घटना में जिस दूसरे व्यक्ति की मौत हो गई थी, वह राहगीर था जो बदमाशों की गोलियों का शिकार हो गया। वृहस्पतिवार को दोनों शवों को स्वजनों को सौंप दिया गया।बुधवार देर रात कुरैनी गांव के प्रवेश द्वार पर बदमाशों की फायरिग में शाहबाज और सर्फुद्दीन नाम के दो युवकों की मौत हो गई थी। शाहबाज कुरैनी गांव के रहने वाले थे, जबकि मूलरूप से बिहार के बांका जिले के रहने वाले सर्फुद्दीन पेशे से दर्जी थे। पुलिस को घटना की सूचना बांकनेर निवासी हिमांशु ने दी थी। रात को वह कुरैनी गांव के पास एक दुकान पर खड़े थे, तभी बदमाशों की फायरिग में एक गोली उसकी कार में लग गई। वह सीधे नरेला थाने गया और घटना की सूचना दी। इस दौरान पांच राउंड गोली चली थी। शव को गांव ले जाने के भी नहीं हैं पैसेकुरैनी गांव में पांच साल से सर्फुद्दीन किराए के मकान पर रहता था। बांका जिले के गांव बलसरा (थाना सुइया) में सर्फुद्दीन की मां, पत्नी और तीन बच्चे रहते हैं। वह अक्टूबर में घर से दिल्ली आया था। जब गोली चली तब, वह सब्जी लेने के लिए निकला हुआ था। अब उसकी मौत के बाद परिवार के सामने आर्थिक संकट छा गया है। सर्फुद्दीन के रिश्तेदार रफीक ने बताया कि अब शव को गांव ले जाने के लिए भी रुपये नहीं हैं। वहीं, शाहबाज घर से मेडिकल स्टोर दवा लेने के लिए गया था। तभी बदमाशों ने उस पर फायरिग कर दी थी।शॉर्ट मे जानें सभी बड़ी खबरें और पायें ई-पेपर,ऑडियो न्यूज़,और अन्य सर्विस, डाउनलोड जागरण ऐप
Source: Dainik Jagran December 31, 2020 16:41 UTC