पिता की मौत के बाद परिवार को संभालने के लिए त्याग कर नहीं की शादी - News Summed Up

पिता की मौत के बाद परिवार को संभालने के लिए त्याग कर नहीं की शादी


राधिका कपूर, लुधियानाकहते हैं मजबूरियां इंसान को सब कुछ सिखा देती है। शहर की सुभानी बिल्डिंग, नीम वाला चौक की रहने वाली लीना सूरी के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। सिर से पिता का साया उठने के बाद घर की सारी जिम्मेदारी संभाली। वह भी उस मुश्किल समय में जब घर के आर्थिक हालात बिल्कुल अच्छे नहीं रहे। लीना की तीन बहनें व दो भाई हैं और वह तीसरे नंबर की है। परिवार की जिम्मेदारी संभालने के कारण उन्होंने त्याग करते हुए अब तक शादी नहीं की है।42 वर्षीय लीना सुबह की शिफ्ट में स्कूली बच्चों और शाम की शिफ्ट में कॉलेज के विद्यार्थियों को शिक्षा दे रही हैं। लीना डबल एमए, एमफिल, एमएड और सीटीईटी पास है। उन्होंने बताया कि वर्ष 1998 में उनके पिता जगमोहन सूरी का देहांत हो गया था। उस समय केवल एक बड़ी बहन की ही शादी हुई थी और वह खुद एमए भाग-2 में पढ़ाई कर रहीं थी। पिता के देहांत के बाद खुद पढ़ाई को छोड़ना चाहा क्योंकि घर के आर्थिक हालात ही ऐसे हो गए थे, पर कॉलेज अध्यापकों के सहयोग से अपनी शिक्षा पूरी की। फिर उसने वर्ष 1999 में आर्य कॉलेज लड़कों में बतौर हिस्ट्री लेक्चरार के तौर पर पढ़ाना शुरू किया। वर्ष 2001 में डीडी जैन कॉलेज में पढ़ाया। वर्ष 2003 से अब तक सतीश चंद्र धवन सरकारी कॉलेज के इवनिग शिफ्ट में गेस्ट फैकल्टी हिस्ट्री लेक्चरर के तौर पर पढ़ा रही हैं। इससे पहले मॉर्निग शिफ्ट में स्प्रिंग डेल सीनियर सेकेंडरी स्कूल के 11वीं और 12वीं कक्षा के बच्चों को राजनीति शास्त्र में शिक्षित कर रही हैं। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से मिल चुका प्रशंसनीय पत्रलीना बता रही हैं कि उनके पिता स्वर्गीय जगमोहन सूरी हमेशा से ही उसके बेस्ट फ्रेंड रहे हैं। अपनी हर एक बात को वह पिता से शेयर करती थी। लीना को वर्ष 2016-17 में बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की ओर से प्रशंसनीय पत्र भी मिल चुका है। वहीं डॉ. बीआर आंबेडकर एसोसिएशन की ओर से नेशनल एप्रीसिएशन अवार्ड फॉर टीचिग भी मिल चुका है। लीना बोलीं, बेटियां ही समझती हैं मां-बाप का दर्दलीना ने कहा कि जो लोग बेटों की चाह रखते हैं, उनकी सोच बिल्कुल गलत है, क्योंकि बेटी चाहे छोटी हो या बड़ी, वह ही मां-बाप का दर्द अच्छे से समझ सकती है। एक बेटी में मां का दिल हमेशा से ही रहता है।Posted By: Jagranअब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एपਪੰਜਾਬੀ ਵਿਚ ਖ਼ਬਰਾਂ ਪੜ੍ਹਨ ਲਈ ਇੱਥੇ ਕਲਿੱਕ ਕਰੋ!


Source: Dainik Jagran October 22, 2019 00:00 UTC



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